यही बहार है, दुनिया को भूल जाने की, खुशी मनाने की- लताजी का एक और मधुर गीत
लताजी की आवाज की एक खास बात पर आपने ध्यान दिया होगा, जब वे कोई वियोग, दुखी: या दर्द भरा गीत गाती है तो उनके स्वर में बहुत दर्द सुनाई देता है मानो लता जी उस गीत के भावों को अपने मन में चित्रित कर गाती है। ठीक इसी तरह लता जी के गाये शोख, मस्ती भरे गीतों में उनके स्वरों में यही भाव साफ सुनाई देता है।
आज जो गीत मैं सुनवाने जा रहा हूँ, आप ध्यान से सुनेंगे तो पायेंगे मानों लता जी एक अल्हड़ युवती की तरह नाचती- इठलाती- मचलती हुई गा रही हों।
मैने पहले भी कहा था कि पता नहीं कैसे इतने मधुर गीत रेडियो- टीवी पर सुनाई नहीं देते! आईये आज इसी श्रेणी में बड़े दिनों के बाद लताजी का एक और मधुर और दुर्लभ गीत सुना रहा हूँ। पता नहीं लता जी के गाये इस तरह के और कितने गीत होंगे जो हमारे लिये अनसुने ही हैं।
यह गीत लताजी ने फिल्म रागरंग Raagrang (1952)के लिये गाया था। गीत को संगीत दिया है रोशन ने और गीतकार हैं कैफ़ इरफ़ानी।
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ला ला ला लाऽ
यही बहार है, यही बहार हैऽ
यही बहार है दुनिया को भूल जाने की
खुशी मनाने की
यही घडी है जवानी के गुनगुनाने की
हाँ, मुस्कुराने की
ये प्यारे प्यारे नज़ारे ये ठंडी ठंडी हवा
ये हल्का हल्का नशा
ये काली काली घटाओं की मस्त मस्त अदा
ये कोयलों की सदा
मचल के आ गयी, रुत मस्तियाँ लुटाने की
झूम जाने की।
यही बहार हैऽऽ
कली कली से ये भंवरे ने मुस्कुरा के कहा
नज़र मिला के कहा
नज़र से काम न निकला तो गुदगुदा के कहा
गले लगा के कहा
किया है प्यार तो, किया है प्यार तोऽ
किया है प्यार तो परवा न कर ज़माने की
हँसी उडाने की
यही बहार है...
ओ ओ ओऽऽऽऽ
जो टूटता है रुबांऽऽऽऽ
जो टूटता है रुबां, उसको टूट जाने दे
मेरे शबाब को जी भर के गीत गाने दे
हाँ, गीत गाने दे-२
तड़प उठी हैं, तड़प उठी हैंऽ
तड़प उठी हैं तमन्नाएं झूम जाने की
हाँ, लगी बुझाने की
10 टिप्पणियाँ/Coments:
लता जी का इतना खूबसूरत गीत सुनवाने का शुक्रिया!
पहले के गीतों में उन पर उस समय की स्थापित गायिकाओं की अंदाजे गायकी का असर था.
इस में भी दिख रहा है.
bahut khubsurat geet hai .
पहले कभी सुना होगा ऐसा याद नही पड़ता ।
आपका शुक्रिया इतना नायाब गीत सुनवाने का ।
ऐसे कितने ही अनमोल गीत हम कभी नहीं सुन पाते... इस गीत के लिए शुक्रिया
बहुत सुमधुर गीत सुनवाने के लिये आपका शुक्रिया
What a wonderful stanza;
"
कली कली से ये भंवरे ने मुस्कुरा के कहा
नज़र मिला के कहा
नज़र से काम न निकला तो गुदगुदा के कहा
गले लगा के कहा
किया है प्यार तो, किया है प्यार तोऽ
किया है प्यार तो परवा न कर ज़माने की
हँसी उडाने की
""
One of my favourites too.
Many thanks for posting.
I have this song for some years now, a coveted possession.
Vinayak
ये गीत तो पहली बार ही सुना, लताजी की कच्ची उम्र का एक प्यारा सा गीत.
रोशन नें अच्छी धुन दी है, जो सी रामचंद्र के धुनों के स्टाईल के काफ़ी पास है.
कहाँ कहाँ से ढूंढ लाते हो सागर भाई, मैंने भी नहीं सुना था… आपकी खोजबीन और दूरदृष्टि के कायल हैं हम…
अद्भुबुध और अनमोल !!
खुशहाल मचलते गीत मन प्रसन्न कर देते हैं | यह ताज़ा, सुंदर और सचमुच दुर्लभ रचना सुनवाने का धन्यवाद |
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