महफ़िल के चाहने वालों के लिये एक छोटी सी क्विज, :-)
हिन्दी फ़िल्म संगीत में बहुत से गीत ऐसे हैं जिनकी शुरूआत गायक मद्धम सुर में गुनगुनाते (Humming) हुये करते/करती है । इस पोस्ट का उद्देश्य है कि ऐसे गीतों को याद किया जाये ।
उदाहरण के लिये:
रफ़ी साहब का मस्ताने अंदाज में "दीवाना हुआ बादल" की शुरूआत में गुनगुनाना, या फ़िर "साथी न कोई मंजिल", "हम बेखुदी में तुमको पुकारे चले गये" । मैं बहुत से अन्य गीतों को जुटाने का काम अपने पाठकों को सौंपता हूँ :-)
इसके अलावा कुछ गीत ऐसे भी हैं जो गुनगुनाने के लिये बडे मुफ़ीद हैं । जैसे "मेरे महबूब तुझे मेरी मोहब्ब्त की कसम", "कुछ दिल न कहा, कुछ भी नहीं", "मैं दिल हूँ इक अरमान भरा" आदि । आप ऐसे गीतों को भी अपनी टिप्पणी में स्थान दे सकते हैं । फ़िर देर किस बात की है, अपने विचार हमें लिख भेजिये ।
15 टिप्पणियाँ/Coments:
Aayega aanewala ke pehle without music chand sher hain -
I'm remembering that
दीवाना हुआ ...से पहले की रफी साहब की गुनगुनाहट का तो मैं जबर्दस्त दीवाना हूं। इसमें नैयर साहब का भी बड़ा हाथ है...
इस तरह के गीत तलतमहमूद साहब ने बहुत से गाये हैं.. एक अभी याद आ रहा है-
चांद एक बेवफा की चूड़ी की तरह टूटा हुआ...
बाकी के गीत अगली टिप्पणियों में।
प्यासा फ़िल्म का एक गीत... यह दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है.
जिनेह नाज है हिन्द वो कहा है...
ओर भी बहुत से गीत.
धन्यवाद
abhi to bs film BARSAAT ka geet yaad
aa rahaa hai....
"Oooo mujhe kisi se pyaar ho gya..." (Lataji)
Aur ek wo...Rafi sahab ka film HAQIQAT se...
"main ye soch kr usske dr se utha tha.."
Aur gun.gunane ke liye to wo bhi achha hai..
"chain se hum ko kabhi aapne jine na diya.."
film PRAN JAYE PR VACHAN NA JAYE (Ashaji)
Aur haaN !!
"dil ka bhanwar kre pukaar..."
Rafiji film...?... shayad TERE GHR KE SAAMNE
---MUFLIS---
bhai geet sangit ka hame bhi bhahut shok to hai per aap ne jis tarike se anubhute karai hai lajwab hai koshish ho gi ki aap ke blog per is prakar ki sangeet charch ko hum bhi pade. badhai swikar kare.
लीजिये एक और याद आया... मैं दिल हूं एक अरमान भरा (अनहोनी 195) तलत महमूद।
Haqeekat film mein Rafi Sahab ka gaya hua nagma - MEIN YEH SOCH KAR USKE DAR SE UTHA THA KE WOH ROK LEGI MANALEGI MUJHKO ke prarambh mein bhi aise hi gungunahat hai jo ki madmast lagti hai. Zaroor suniyega.
Ek Hasin Sham Ko from Dulhan Ek Raat ki sung by Rafi Sahab
S.Chandar
hai n jo wada kiya wo nibhana pdega
स्वप्न झरे फूल -से ,मीत चुभे शूल - से ...........कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे . यह गीत इसी श्रेणी में है .मेरे ब्लोग पर आकर इसी गीत की धुन पर लिखा गया एक देशभक्ति गीत अवश्य पढ़े
वाह, क्या खूब.
वैसे कई गीत है, जिसमें गीत के प्रील्युड में हमिंग है.जिसमें हमिंग में सिर्फ़ गुनगुनाना है, और कई गीत यूं भी हैं जिसमें बोल भी हैं, जो शायद इस श्रेणी में आप ना रखें.
हेमंतकुमार के भी कई गीत है,
तुम पुकार लो, ये नयन डरे डरे, ये रात ये चांदनी फ़िर कहां, आदि,
तलत मेहमूद का
प्यार पर बस तो नही है(आशा),
रफ़ी का
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी, चौहदवी का चांद हो, इशारों इशारों में दिल लेन वाले, तेरे बिन सूने नैन हमारे, तुमने पुका्रा और हम चले आये
मन्ना दा का
सुर ना सजे क्या गाऊं मैं, पूछो ना कैसे मैंने, और कई शास्त्रीय रंग में धले गीत.
बोलों के साथ आपाल वाले गानें भी बहुत मिल जायेंगे, जिसको गाने वालों की ज़ुबान में गीत की साक़ी कहते है.
bahut se geet hain..jaise...rajani gandha phool tumhare..[lata ji]
-naghma o sher ki saugat kisey pesh karun-lata ji
-koi duur se awaaz de-geeta dutt
-aaj dil pe koi zor chalta nahin-lata ji
-
किशोर दा के गीत :
ये शाम मस्तानी,मेरे मेहबूब कयामत होगी, रात कली एक ख्वाब में आयी, आदि और है
कहीं बेखयाल होकर यूँही छू लिया किसी ने...
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