देवा प्रेमल द्वारा गाया गया मूलमंत्र और गायत्री मंत्र
क्या संगीत को धर्म और सीमाओं से बाँध कर रखा जा सकता है ? कदापि नहीं । अब देवा प्रीमेल को ही लें । मूलत: जर्मनी की रहने वाली देवा और उनके पति मिटैन का झुकाव भारतीय संगीत और विशेषकर भक्ति संगीत की तरफ़ साफ़ देखा जा सकता है । देवा प्रेमल के अधिकतर ऐलबम वैदिक मंत्रोचारों पर केन्द्रित रहे हैं । हाल ही मे रिलीज हुआ उनका ऐलबम“ मूलमंत्र “ चेन्नई के Oneness University मे ध्यान प्रक्रियाओं के द्वारान मिटैन के साथ प्रस्तुत किया गया । “ गीतों की महफ़िल “ मे नववर्ष की बहुत सी शुभकामनायें और नववर्ष की सुबह की शुरुआत में क्यों नही मीडीटेशन संगीत का आनन्द “ देवा प्रीमेल “ के साथ ही लिया जाये । नीचे दिया गया आडियो और वीडियो “ मूलमंत्र” से लिया गया है ।
ॐ सच्चिदान्द पराब्रह्मा पुरुषोत्तम परमात्मा ।
श्री भगवती समेत:।
श्री भगवती नम: ॥
हरी ओम तत्सत।
हरि ओम तत्सत ॥
Oneness University मे ही मिटैन के साथ प्रस्तुत किया गया " गायत्री मंत्र "
ऒम भूर्भुव : स्व : ऒम
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि ।
धियो यो न : प्रचोदयात ||
5 टिप्पणियाँ/Coments:
बहुत सुंदर लगा सुबह सुबह यह मंत्र, आप का बहुत बहुत धन्यवाद.
नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
धन्यवाद
नववर्ष के आगमन पर सुन्दर प्रस्तुति!
आपको, आपके परिजनो और मित्रों को नववर्ष की शुभकामनायें।
सचमुच इससे सुन्दर शुरुआत कोई हो ही नहीं सकती थी, बहुत ही बढ़िया लगा मूलमंत्र एवं गायत्री मंत्र की इस प्रस्तुति को सुनकर।
साधूवाद।
नववर्ष आपके और आपके परिवार के लिये भी मंगलदायी हो। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
सार्थक प्रयास....
अच्छी प्रस्तुति है.....
धन्यवाद ..................
---मुफलिस---
अलग सी आवाज में सुनकर अच्छा लगा, शुक्रिया मधुर संगीत के लिये।
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