प्रीत में है जीवन: सहगल साहब का एक और यादगार गीत !!!
मैने पिछ्ली बार महफ़िल में सहगल साहब का गीत "राजा का बेटा" प्रस्तुत था जिसकी आप सभी ने काफ़ी सराहना की । आपकी टिप्पणियाँ हमारे सर माथे पर ।
आज भी मैं सहगल साहब का ही एक गीत आपको सुनवा रहा हूँ । गीत १९३९ की फ़िल्म दुश्मन का है, इस फ़िल्म के संगीतकार श्री पंकज मलिक जी हैं ।
आज सुनने वालों से एक छोटी से पहेली भी पूछता हूँ । आपको बताना है कि ये गीत शास्त्रीय संगीत के किस राग पर आधारित है ।
प्रीत में है जीवन झोकों
कि जैसे कोल्हू में सरसों
प्रीत में है जीवन जोखों
भोर सुहानी चंचल बालक,
लरकाई (लडकाई) दिखलाये,
हाथ से बैठा गढे खिलौने,
पैर से तोडत जाये ।
वो तो है, वो तो है
एक मूरख बालक,
तू तो नहीं नादान,
आप बनाये आप बिगाडे
ये नहीं तेरी शान, ये नहीं तेरी शान
ऐसा क्यों, फ़िर ऐसा क्यों...
Technorati Tags कुन्दन,लाल,सहगल,पंकज,मलिक,दुश्मन,(१९३९)
4 टिप्पणियाँ/Coments:
Yeh Gana Shayad Film Chandidas Ka Hai Please Check Kariyega
सुन रहा हूँ इत्मिनान से.
सहगल साहब का एक और खूबसूरत गीत .. पर इसमें संगीत (वाद्ययंत्र) बिल्कुल नहीं है। शायद इसलिये यह गीत उतना प्रसिद्ध नहीं हो पाया।
यह गीत फिल्म दुश्मन का ही है , मैने चेक कर लिया है |
-हर्षद जांगला
ऐट्लांटा युएसए
Post a Comment
आपकी टिप्प्णीयां हमारा हौसला अफजाई करती है अत: आपसे अनुरोध करते हैं कि यहाँ टिप्प्णीयाँ लिखकर हमें प्रोत्साहित करें।