क्या आपने मुबारक बेगम का यह गाना सुना है ?
आज आपको एक ऐसी गायिका की आवाज में गाना सुनवाने जा रहा हूँ जिनको हिन्दी फिल्म जगत में उतनी सफलता नहीं मिल पाई जिसकी योग्यता उनमें थी। यानि मुबारक बेगम।
मुबारक बेगम राजस्थान के झुंझनु जिले के सुजानगढ़ में जन्मी थी। जहाँ के प्रख्यात संगीतकार स्व. खेमचन्द्र प्रकाश थे। मुबारक बेगम ने शास्त्रीय संगीत की तालीम उस्ताद अब्दुल करीम खान के भतीजे समर खान रियाजुद्दीन खान से ली ,जो कि किराने घराने के थे। बाद में ऑल इण्डिया रेडियो पर गाने लगी और रेडियो पर एक बार रफीक गजनवी साहब ने उन्हें सुना और उन्हें अपनी फिल्म में गाने का आमंत्रण दिया। और जब मुबारक ने गाने की कोशिश की तो घबराहट के मारे गा ही नहीं पाई। उसके बाद श्याम सुन्दर जी ने उन्हें मौका दिया पर यहाँ भी मुबारक असफल रही।
मुबारक बेगम का पहला गाना फिल्म आईये 1949 से था जिसमें उन्होने दो गाने गाये जिसमें एक था मोहे आने लगी अंगड़ाई.. और दूसरा लताजी के साथ ड्यूएट था और उसके बोल थे आओ चले चले वहाँ।
और बाद में आई फिल्म दायरा 1953 जिससे मुबारक बेगम की गायकी बुलंदियाँ छूने लगी। इस फिल्म के सारे गाने मुबारक बेगम ने गाये थे। और उसी फिल्म का गाना मैं आपको यहाँ सुना रहा हूँ मुझे विश्वास है आपको यह गाना बहुत पसन्द आयेगा। संगीतकार थे जमाल सेन जो कि खुद भी राजस्थानी थे। बोल थे कैफ भोपाली। गाने में मुबारक का साथ दिया है रफी साहब ने।
फिल्म के निर्देशक थे कमाल अमरोही और इस में अभिनय किया था मीना कुमारी और नासिर खान। इस फिल्म में एक गाना और भी था सुनो मेरे नैना- सुनो मेरे नैना जो फिर कभी सुनाया जायेगा।
लीजिये सुनिये यह मधुर गाना ( या भजन)। यहाँ मैं जो आपको गाना सुना रहा हूं उसमें अंतिम दो पैरा नहीं है अगर किसी के पास हो तो कृपया बतायें या भेजें ताकि उसे भी यहाँ जोड़ा जा सके।
मुबारक बेगम के कुछ प्रसिद्ध गाने:
कभी तन्हाईयों में- हमारी याद आयेगी (स्नेहल भाटकर)
वो ना पलट के आयेंगे- देवदास ( एस डी बर्मन)
मुझको अपने गले लगालो - हमराही ( शंकर जयकिशन)
हम हाले दिल सुनायेंगे- मधुमति ( सलिल चौधरी)
नींद उड़ जाये तेरी चैन से सोने वाले - जुआरी ( कल्याणजी आनंदजी)
बे मुर्रवत बे वफा -सुशीला
फिल्म : दायरा 1953
कलाकार:मीना कुमारी, नासिर खान
गायिका -गायक: मुबारक बेगम ,मोहम्मद रफी एवं कोरस
संगीत: जमाल सेन
गीतकार: कैफ भोपाली
डाल दी मैं ने जल-थल में नय्या
जागना हो तो जागो खेवय्या
जागना हो तो जागो खेवय्या
देवता तुम हो मेरा सहारा मैं ने थामा है दामन तुम्हारा
कोरस: - देवता तुम हो मेरा सहारा मैं ने थामा है दामन तुम्हारा
थाम लो अपनी राधा को भगवान
रुक न जाये कहीं दिल की धड़कन
ये न कहने लगी कोई बिरहन
मूँह छुपाकर साँवरिया ने मारा
देवता तुम हो मेरा सहारा
कोरस: - देवता तुम हो मेरा सहारा मैं ने थामा है दामन तुम्हारा
मेरे नैनों को तुम ऐसे पाये
दो घड़ी मुझ को निंदिया न आये
मेरी आँखों से आँखों लड़ाये
डूबता है सवेरे का तारा देवता तुम हो मेर सहारा...
कोरस: - देवता तुम हो मेरा सहारा मैं ने थामा है दामन तुम्हारा
( इससे आगे का गाना यहाँ नहीं है)
मो .रफी: रैन भरी है गेहरा अँधेरा
हाथ ले लो तुम हाथों में मेरा
सो गये मंदिरों के पुजारी गूँजती है मुरलिया तुम्हारी -२
आत्मा झूमती है हमारी
मुबारक: दिल खिंचा जा रहा है हमारा
देवता तुम हो मेरा सहारा
कोरस: - देवता तुम हो मेरा सहारा मैं ने थामा है दामन तुम्हारा- २
मुबारक :छोड़ कर मैन न भगवान को जाऊँ
रात भर यूँ ही जागूँ जगाऊँ
गीत गा गा के रोऊँ रुलाऊँ
ये वचन लूँ के मैं हूँ तुम्हारा - २
मो. रफी: मैं हूँ तुम्हारा
Devata tum ho mera... |
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5 टिप्पणियाँ/Coments:
अच्छा लगा मुबारक बेगम के बारे में जानकर!
तीन दिन के अवकाश (विवाह की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में) एवं कम्प्यूटर पर वायरस के अटैक के कारण टिप्पणी नहीं कर पाने का क्षमापार्थी हूँ. मगर आपको पढ़ रहा हूँ. अच्छा लग रहा है.
बहुत सुंदर !
पहली बार जाना इस गीत के बारे में।
आशा है ऐसे रत्नों से परिचय होता रहेगा……
अन्नपूर्णा
आदरणिय पाठक गण,
इस ब्लोग पर मेरा प्रवेश आदरणिय हैद्राबाद निवासी श्री सागर नहार के सौजन्यसे हुआ है, जो रेडियोवाणी द्वारा मेरे संपर्कमें आये है । यह गाना हालाकी कम सुनाई पडता है, पर मेरे जैसे रेडियो विविध भारती और रेडियो श्री लंका के नियमीत श्रोताओ का जाना पहचाना है । विविध भारती के हमारे मेहमान कार्यक्रम अतर्गत उदघोषक श्री कमल शर्माजीने एक एक घंटे के दो हप्तोमें मुबारक बेगमजीसे की हुई बात प्रसारित हुई थी । इस मुलाकात अंतर्गत यह गाना प्रसारित हुआ था ।
पियुष महेता
सुरत-३९५००१.
बिग बी यह गाना पहले कभी नही सुना, पर बहूत सुन्दर गाना लाये हैं आप... आगे और इंतजार रहेगा :)
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