कुछ और ज़माना कहता है, कुछ और है जिद मेरे दिल की
कुछ वर्षों पहले रविवार की सुबह सुबह दूरदर्शन पर रंगोली देखने का मजा ही कुछ और था। धीरे धीरे केबल टी वी आया और दिन रात फिल्म फिल्म होने लगा तब से टी वी से उब हो गई। ऐसे मैं लगबग दस बारह साल पहले एक दिन मैं रंगोली देख रहा था एक गाना शुरु हुआ और थोड़ी ही देर में करंट चला गया। गाने का कुछ ही अंश मैं सुन पाया पर उस अंश ने इतना बैचेन कर दिया कि मैं पता लगाने लगा कि आखिर वह गाना था कौनसा? क्यों कि वह आवाज लता , आशा, गीता दत्त, शमशाद बेगम, मुबारक बेगम आदि किसी भी जानी मानी गायिका की नहीं थी।
अब ऐसे तो कैसे पता चलता फिर याद आया कि उस गाने में नादिराजी नाव में बैठी गा रही थी। बस इतना सा क्लू था और गाने की वह लाईन "या बात सुनुँ अपने दिल की" बस इन दो क्लू पर बहुत मेहनत करने पर मुझे वह गाना मिला और वह था मीना कपूर की आवाज में गाया हुआ गाना : कुछ और जमाना कहता है, कुछ और है जिद मेरे दिल की" मैने उस गाने को ओडियो कैसेट में रिकार्ड करवाया और उसे एक ही दिन में इतनी बार सुना कि बार रिवाईन्ड करने की वजह से कैसेट खराब हो गई ।
कुछ दिनों पहले नैट पर से उस गाने को फिर से मैने ढूंढ़ निकाला जिसे मैं आज आप सबके लिये पेश कर रहा हूँ।
मीना कपूर अनिल विश्वास की पत्नी थी। और उन्होने राजकपूर की गोपीनाथ में सारे गाने गाये थे। उनकी आवाज उस जमाने की स्थापित गायिकाऒं से कहीं उन्नीस नहीं थी पर जैसा होता आया है उगते सूरज को सलाम सब करते है। मीनाजी ने ज्यादा गाने नहीं गाये। जितने गाये वे सब अपने आप में लाजवाब हैं।
प्रस्तुत गाना फिल्म छोटी छोटी बातें 1965 का है फिल्म के निर्देशक और मुख्य अभिनेता स्वयं मोती लाल थे और फिल्म की नायिका थी नादिरा।
खैर बातें बहुत कर ली अब गाना सुन लेते हैं। पिछले कुछ गाने कुछ ज्यादा ही पुराने हो गये थे पर मुझे विश्वास है कि आपको यह गाना जरूर पसन्द आयेगा क्यों कि यह बहुत ज्यादा पुराना नहीं है। और मीना कपुर की आवाज के तो क्या कहने ???
MeenaKapoor-KuchhA...
कुछ और ज़माना कहता है,
कुछ और है जिद मेरे दिल की
मैं बात ज़माने की मानूँ,
या बात सुनूँ अपने दिल की
कुछ और ज़माना कहता है
दुनिया ने हमें बेरहमी से
ठुकरा जो दिया, अच्छा ही किया
नादान हम समझे बैठे थे
निभती है यहाँ दिल से दिल की
कुछ और ज़माना कहता है
इन्साफ़, मुहब्बत, सच्चाई
वो रहमो करम के दिखलावे
कुछ कहते ज़ुबाँ शरमाती है
पूछो न जलन मेरे दिल की
कुछ और ज़माना कहता है
गो बस्ती है इन्सानों की
इन्सान मगर ढूँढे न मिला
पत्थर के बुतों से क्या कीजे
फ़रियाद भला टूटे दिल की
कुछ और ज़माना कहता है
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12 टिप्पणियाँ/Coments:
नाहर भाई बहुत सुंदर गीत , मन प्रसन्न कर दिया आपने ! :)
मीना कपूर जी के तस्वीर भी लगा दें अच्छा लगेगा .
दूसरी पंक्ति में 'ज़िद' शब्दा छूट गया है उसे सुधार लें.
धन्यवाद मनीष भाई आपको गाना पसन्द आया, शब्द सुधार दिया है।
मीना कपूर जी ने इस गीत को मिठास दी है जिसे सुनकर खुशी हुई इसकी प्रस्तुति के लिये आपका धन्यवाद सागर भाई सा' ....
- लावण्या
बहुत खूब! सबेरे की शुरुआत यह गाना सुनकर की। :)
वाह आपने तो हमारे दिल की बात कह दी ।
मीना जी कमाल की गायिका रही हैं ।
मैं उनका फैन हूं । उनसे मिल भी चुका हूं ।
बहूत सुंदर गीत है। फ़िल्म भी बहुत अच्छी है मैनें दूरदर्शन पर देखी थी जिसमें नादिरा का बहुत ही पाज़िटिव रोल था। वह शहर से गांव में आती है और बाद में ग़रीब बच्चों को पढाती भी है।
नादिरा श्री 420 फ़िल्म से वैम्प बनी।
अनुपमा में वाचाल सहेली शशिकला थी।
मीना कपूर का चार दिल चार राहें फ़िल्म का ये गीत मुझे बहुत पसन्द है -
कच्ची है उमरिया
कोरी है चुनरिया
मोहे भी रंग देता जा
अन्नपूर्णा
अन्नपूर्णाजी
अनुपमा फिल्म में शशिकला ही थी मुजसे गल्ती हुई, बताने के लिये धन्यवाद।
मीठे सागर , क्या मधुर आवाज़ सुनाई।आनन्द आ गया।क्वालिटी भी बहुत अच्छी है अपलोड की।
नाहर भाई आपके पास भी अद्भुत अनुभव का संसार है, जो उतना दिलचस्प है, मधुर गीत सुनवाने के लिये शुक्रिया ।
Sagar ji,
This is an immortal song by yet another real life married pair, Anil Biswas and Meena Kapur in their last offering to bollywood, Chhoti Chhoti Baatein (1965).
This is an unforgettable film of Motilal as this was his first & last film, where he tried his hand at direction as well. Motilal considered Charlie Chaplin as his Role-Model and was highly inspired with his films. It is really unfortunate that Motilal expired, 3-4 days after the film released. The film however did not do too well at the Box-Office.
Anilda (Anil Biswas Sahab) had stated in an interview that he had gone to attend the premiere of "Chhoti Chhoti Baatein", but had to rush to Bombai after 3 days, for Motilal's funeral.
Really, A Gem Of A Song !!!
- PAVAN KUMAR
Bahut bahut khoobsoorat geet hai. Cassette kharab hone ke baare mein padh kar badha dukh hua aur kharab hone ki karan jaankar saath mein hanssi bhi aayi :-)
Maine abhi kuch waqt pehle hi discover kiya hai is geet ko aur pehli baar sunte hi pyaar ho gaya.
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