ना ना बरसो बादल , आज बरसे नैन से जल: लताजी
पिछली पोस्ट में मीराबाई काली घटाओ को देखकर कह रही थी बादल देख डरी!! सम्राट पृथ्वीराह चौहान की नायिका का दुख: भी कुछ ऐसा ही है वह तो बादलों को बरसने से भी मना कर रही है।
बिरहिनी नायिका के नयनों से जल बारिश की तरह बरस रहा है, उसका मन मोर घायल है। आज उसे बारिश की बूंदें भी नहीं सुहा रही,, आईये सम्राट चन्द्र गुप्त फिल्म का राग मल्हार में बना, वसंत देसाई का संगीतबद्ध और लताजी का गाया हुआ यह मधुर गीत सुनते हैं, और हाँ यह गीत रचा है भरत व्यास ने।
ना ना ना बरसो बादल
आज बरसे नैन से जल
आज मन का मोर घायल
ना ना ना...
आज बरखा है दीवानी नयन जल खोये
बादलों के ही बहाने बिरहिणी रोये
बुंदनियों की छुम छन न न न-२
बाजे रे पायल , बाजे रे पायल
ना ना
श्याम बिन श्यामल घटा मन को नहीं भाए
पिया बिन बिजली हिया में अगन सुलगाए
नीले नयनो के गगन से-२
झरे रे काजल , झरे रे काजल..
ना ना ना बरसो बादल
16 टिप्पणियाँ/Coments:
बारिश विहीन दिन में बारिश का आनंद आ गया ।
मजा आ गया
अत्यन्त कर्णप्रिय गीत । मुझे याद आ गया चन्द्रगुप्त नाटक , जयशंकर प्रसाद का। प्रसाद के गीतों को धुन दी थी छन्नूलाल मिश्र ने। मैं बना था नन्द ।
अपनी मशीन पर ही सुना ,इसके लिए भी मेहरबानी।
अत्यन्त कर्णप्रिय गीत । मुझे याद आ गया चन्द्रगुप्त नाटक , जयशंकर प्रसाद का। प्रसाद के गीतों को धुन दी थी छन्नूलाल मिश्र ने। मैं बना था नन्द ।
अपनी मशीन पर ही सुना ,इसके लिए भी मेहरबानी।
बहुत पुराना गाना है ..सुंदर लगा
malhar ke swar lagtey hi mun bheeg jata hai...adhbhut post...pichhli post bhi bahut acchhi lagi thii...aabhaar
इतना मीठा और बारिश से सराबोर गीत सुनकर आनंद आ गया ।
shuriya is geet ke liye....
आनंद आ गया....
कितना मधुर गीत सुनवाया आपने नाहर भाइस्सा` -
बहुत आभार !
सँगीत अनूठा है -
अब ऐसे गीतोँ को अमरता मिलेगी - हिन्दी ब्लोग जगत
और आप जैसे प्रस्तुतकर्ता बहोत उत्तम योगदान दे रहे हैँ जो अमुल्य है ~~
स्नेह,
- लावण्या
Can it be possible for visitors on ur blog..to download the songs also...if in someway..then pls let me know.
Sagarbhai
If this song is from Samrat Chandragupta, MD is Kalyanji-Anandji and not Vasant Desai.
But plz varify the name of the film. My info abt MD of Samrat... is correct.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
बडे भईया... लिजीये.. आपके लिये :P
आ आ आजा रे बादल
देख तूझको बुलायें नयनजल
आज मेरा दिल है घायल
आ आ आजा रे बादल
देख सखियाँ मुझको छेडे
मोसे पूछे क्यों मै रोऊँ
छन छन भीगे मेरा आँचल
आ आ छुपा ले राज मेरा
तेरे संग-संग मै भी रो लूँ
आ आ आजा रे बादल
देख तूझको बुलायें नयनजल
दर्द दिल का किससे बोलूँ
राज किसपर अपना खोलूँ
जग हसेगा, जो मै रोऊँ
कर ना ऐसा सितम मूझपर
आ आ आजारे बादल
आ आ आजारे बादल
Geet ke liye aapka bahut bahut dhanyabaad.
सागर भाई,
लताजी जो भी गातीं हैं वह संगीत का अंतिम सत्य होता है. वे अपने को कभी नहीं दोहराती . एक इंटरव्यू में ये पूछा जाने पर कि आपका काम बड़ा है या संगीतकार का. लताजी की विनम्रता देखिये..उन्होंने कहा : संगीतकार का. वो सिरजता है.हम माध्यम हैं .तो फ़िर आपका क्या योगदान गाने के सृजन में....लता जी का उत्तर:हम समय की मर्यादा में संगीतकार के सृजन को कंठ से अभिव्यक्त कर देते हैं.
सागर भाई क्या लाजवाब बंदिश है.शास्त्र न समझने वाले मेरे जैसे कानसेनों के लिये कितना बड़ा आसरा है संगीत को इंजॉय करने का....ज़रा ध्यान से सुनियेगा...ना ना ना में तीसरे ना में कैसी विकल हो गईं हैं लता जी...मीरा सी.
वाह सागर जी मजा आ गया, क्या संगीत है
@yunusek siharan sii daud jati hai ese umda geet sunkar dhanywad sagarji
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