दुखियारे नैना ढंढे पिया को: मदनमोहन जी द्वारा संगीतबद्ध सुन्दर गीत
महान संगीतकार मदनमोहन जी के बारे में अल्पना वर्मा जी ने अपने लेख में विस्तृत जानकारी दी, उनके गाये गीत भी सुनवाये। आज मैं आपको उनके बारे में ज्यादा ना बताते हुए सीधे उनका संगीतबद्ध एक सुन्दर गीत सुनवाता हूं। यह गीत राग गौड़ सारंग में ढला हुआ है पर इसमें अन्य रागों की छाया भी महसूस की जा सकती है, इस सुंदर गीत की कल्पना मदनमोहन जी से ही की जा सकती है।
यह गीत फिल्म निर्मोही (Nirmohi 1952) का है।इस गीत को गाया है लता मंगेशकर ने और गीतकार हैं इन्दीवर।
इस फिल्म में मुख्य भूमिकायें नूतन और सज्जन ने निभाई थी।
दुखियारे नैना ढूँढ़ें पिया को
निसदिन करें पुकार
दुखियारे नैना
फिर क्या आएँगीं वो रातें
लौट गईं हैं जो बारातें
बीते दिन और बिछड़ा साथी
बहती नदी की धार
दुखियारे नैना ...
राह में नैना दिया जलाएँ
आप जलें और जिया जलाएँ
जिस से जीवन भी जल जाए
वो कैसी जलधार
दुखियारे नैना ...
इस फिल्म में मुख्य भूमिकायें नूतन और सज्जन ने निभाई थी।
दुखियारे नैना ढूँढ़ें पिया को
निसदिन करें पुकार
दुखियारे नैना
फिर क्या आएँगीं वो रातें
लौट गईं हैं जो बारातें
बीते दिन और बिछड़ा साथी
बहती नदी की धार
दुखियारे नैना ...
राह में नैना दिया जलाएँ
आप जलें और जिया जलाएँ
जिस से जीवन भी जल जाए
वो कैसी जलधार
दुखियारे नैना ...
5 टिप्पणियाँ/Coments:
बहुत अच्छा....आप का ब्लाग अच्छा लगा...बहुत बहुत बधाई....
आनन्द आ गया!
बहुत खूब.. यह प्रयास बहुत अच्छा है
सागर भाई आप को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई हो, जिन्दगी मै खुब खुशिया मनाये,
धन्यवाद
शुक्रिया सागर जी ,इस दुर्लभ गीत को सुनवाने के लिए.
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