दीकरो मारो लाडकवायो: एक सुंदर गुजराती लोरी
मनहर उधास गुजराती गज़लों के बादशाह माने जाते हैं। उन्होने बहुत बढ़िया गज़लें गाई है। मनहर उधास की गाई हुई एक गज़ल "नयन ने बंध राखी ने में ज्यारे तमने जोया छे" तो इतनी प्रसिद्ध हुई कि आज गुजरात का बच्चा बच्चा इस गज़ल को सुन कर झूमने लगता है।
उन्हीं की गाई हुई एक लोरी इतनी प्रसिद्ध हुई कि जब भी इसे गाते हैं श्रोता वन्स मोर वन्स मोर चिल्लाने लगते हैं और उन्हें इसे कई बार तो तीन तीन बार श्रोताओं की फरमाईश को पूरी करनी पड़ती है। आज में आपको उसी लोरी को सुनवा रहा हूँ।
प्रस्तुत लोरी गुजरात के सुप्रसिद्ध कवि/शायर कैलाश पंडित ने लिखी है। मैने लाल अक्षरों में इस लोरी का अनुवाद करने की कोशिश की है ताकि आपको भी समझ में आ सके।
दीकरो मारो लाडकवायो, देव नो दीधेल छे
मुन्ना मेरा लाडला, देव का दिया हुआ है
वायरा जरा धीरा वाजो, ए नींद मां पोढेल छे
ए हवा तू जरा धीरे से बह वो नींद में सोया हुआ है
रमशुं दड़े काले सवारे, जई नदी ने तीर
कल खेलेंगे हम गेंद से जा के नदी के तीर
काळवी गाय ना दूध नी पछी रांधशुं मीठी खीर
काली गाय के दूध से बनायेंगे हम मीठी खीर
आपवा तने मीठी मीठी आंबली राखेल छे
देने के लिये तुझे मीठी मीठी इमली रखी है
केरीओ काची तोड़शी अने चाखशुं मीठा बोर
तोड़ेंगे हम कच्ची केरी और चखेंगे मीठे बेर
छायड़ाओं थी झूलशुं घड़ी, थाशे त्यां बपोर
छाया में झूलेंगे हम तब तक हो जायेगी दोपहर
सीमवचाळे वडळा डाळे हींचको बांधेल छे
किनारे के बीच में बरगद की डाली पर झूला बांधा है
फूल नी सुगंध , फूल नो पवन, फूल ना जेवु स्मित
फूल की सुगंध, फूल की हवा फूल के जैसी मुस्कान
लागणी तारी लागती जाणे गाय़ छे फूलों गीत
स्नेह तेरा यों लगे मानो गा रहे हों फूल गीत
आम तो तारी आजु बाजु कांटा उगेल छे
यों तो तेरी आस पास भी काँटे उगे हैं
हालकडोलक थाय छे पांपण मरक्या करे छे होठ
पलकें तेरी हिल रही है, मुस्करा रहे हैं होंठ
शमणे आवी वात करे छे राजकुमारी कोक
सपने में आकर बातें कर रही है राजकुमारी कोई
रमता रमता हमणा एणे आंखड़ी मीचेल छे
खेलते खेलते इसने अभी तो आंखे मीची है
दीकरो मारो लाडकवायो देव नो दीधेल छे
मुन्ना मेरा लाडला, देव का दिया हुआ है
उन्हीं की गाई हुई एक लोरी इतनी प्रसिद्ध हुई कि जब भी इसे गाते हैं श्रोता वन्स मोर वन्स मोर चिल्लाने लगते हैं और उन्हें इसे कई बार तो तीन तीन बार श्रोताओं की फरमाईश को पूरी करनी पड़ती है। आज में आपको उसी लोरी को सुनवा रहा हूँ।
प्रस्तुत लोरी गुजरात के सुप्रसिद्ध कवि/शायर कैलाश पंडित ने लिखी है। मैने लाल अक्षरों में इस लोरी का अनुवाद करने की कोशिश की है ताकि आपको भी समझ में आ सके।
दीकरो मारो लाडकवायो, देव नो दीधेल छे
मुन्ना मेरा लाडला, देव का दिया हुआ है
वायरा जरा धीरा वाजो, ए नींद मां पोढेल छे
ए हवा तू जरा धीरे से बह वो नींद में सोया हुआ है
रमशुं दड़े काले सवारे, जई नदी ने तीर
कल खेलेंगे हम गेंद से जा के नदी के तीर
काळवी गाय ना दूध नी पछी रांधशुं मीठी खीर
काली गाय के दूध से बनायेंगे हम मीठी खीर
आपवा तने मीठी मीठी आंबली राखेल छे
देने के लिये तुझे मीठी मीठी इमली रखी है
केरीओ काची तोड़शी अने चाखशुं मीठा बोर
तोड़ेंगे हम कच्ची केरी और चखेंगे मीठे बेर
छायड़ाओं थी झूलशुं घड़ी, थाशे त्यां बपोर
छाया में झूलेंगे हम तब तक हो जायेगी दोपहर
सीमवचाळे वडळा डाळे हींचको बांधेल छे
किनारे के बीच में बरगद की डाली पर झूला बांधा है
फूल नी सुगंध , फूल नो पवन, फूल ना जेवु स्मित
फूल की सुगंध, फूल की हवा फूल के जैसी मुस्कान
लागणी तारी लागती जाणे गाय़ छे फूलों गीत
स्नेह तेरा यों लगे मानो गा रहे हों फूल गीत
आम तो तारी आजु बाजु कांटा उगेल छे
यों तो तेरी आस पास भी काँटे उगे हैं
हालकडोलक थाय छे पांपण मरक्या करे छे होठ
पलकें तेरी हिल रही है, मुस्करा रहे हैं होंठ
शमणे आवी वात करे छे राजकुमारी कोक
सपने में आकर बातें कर रही है राजकुमारी कोई
रमता रमता हमणा एणे आंखड़ी मीचेल छे
खेलते खेलते इसने अभी तो आंखे मीची है
दीकरो मारो लाडकवायो देव नो दीधेल छे
मुन्ना मेरा लाडला, देव का दिया हुआ है
Technorati Tag: मनहर उधास , कैलाश पंडित , गुजराती , लोरी , Lori , Manahar Udhas , Kailash pandit , Gujarati Gazals
5 टिप्पणियाँ/Coments:
नाहर भाई जब समझा ही रहे थे तो हिंदी मे भी समझाते ..या हमे गुजराती सिखाते ताकी हम अब भी समझ जाते और जब तुम गुजरात बुलाते तब भी काम आती..गजल अच्छी है..:)
वाह ॥ कया रचना है.... और उसे इतनी खूबसूरती से पेश किया है॥ सच में , मने तो ऊंग आवे छु ॥ खास कर यह दो पंक्तियाँ भहुत भाया
///छायड़ाओं थी झूलशुं घड़ी, थाशे त्यां बपोर //
///लागणी तारी लागती जाणे गाय़ छे फूलों गीत ///
बहुत सुन्दर ! एक ढीकरी के लिए भी ढूँढ लाइये तो लाडकी को भी सुला सकूँगी ।
घुघूती बासूती
मनहर भाई बादशाह छे, शक्यता ज नथी।
अनुवाद सारु छे, आभार!!
એક્દમ સરસ હાલરડું..!
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