रूम झूम बादोलो आजि बोरोशे: कमला झारिया
कई सालों पहले इस बांग्ला गीत का टुकड़ा मिला तब यह मुश्किल से तीस चालीस सैकंड का था, बरसों तक खोजने के बाद एक दिन आखिरकार यह पूरा गाना मिल गया। तब से मैं इस गीत को अगड़म बगड़म गाते हुए सुन रहा था। कुछ दिनों पहले शुभ्रा जीजी (सम्प्रति : आकाशवाणी दिल्ली)
से अनुरोध किया तो उन्होंने उस गीत के सही शब्द बता दिए,और उसके बाद गाने को सुनने का आंनद अब कई गुना बढ़ गया। बहुत बहुत धन्यवाद शुभ्रा जिज्जी।
आहा-आहा, तन-मन झूम रहा है।
नजरुल संगीत/गायिका: कमला झारिया
रूम झूम बादोलो आजि बोरोशे
आकुल शिखी नाचे घनो मेघो दोरोशे।
बारिरो दोर्शन आजि खोने खोने।
नोवो नीरद श्याम मुख पोड़े मोने।
ना जानि कोन देशे, कोन प्रिया शोने।
रोयेछे भुलिया नोवो हर्षे।
রুম ঝুম বাদল আজি বরষে
আকুল নিশি নাচে ঘন দরশে ।।
বারির দরশনে আজি ক্ষণে ক্ষণে
নব নীরদ শ্যাম রূপে পড়ে মনে
না জানি কোন দেশে কোন প্রিয়া সনে
রয়েছে ভুলিকা নটবর সে ।।
भावार्थ: आज झूम झूम कर बादल बरस रहे हैं। घने बादलों को देख व्याकुल मोर नाच रहा है, आज क्षण क्षण पानी का दर्शन हो रहा है नए बादलों को देख श्याम की याद आ रही है जाने कौन से देश में, कौनसी प्रिया के साथ होंगे । यही सोच सोच के नया हर्ष भुलाकर रोने लगती हूं।
एक और वर्जनसे अनुरोध किया तो उन्होंने उस गीत के सही शब्द बता दिए,और उसके बाद गाने को सुनने का आंनद अब कई गुना बढ़ गया। बहुत बहुत धन्यवाद शुभ्रा जिज्जी।
आहा-आहा, तन-मन झूम रहा है।
नजरुल संगीत/गायिका: कमला झारिया
रूम झूम बादोलो आजि बोरोशे
आकुल शिखी नाचे घनो मेघो दोरोशे।
बारिरो दोर्शन आजि खोने खोने।
नोवो नीरद श्याम मुख पोड़े मोने।
ना जानि कोन देशे, कोन प्रिया शोने।
रोयेछे भुलिया नोवो हर्षे।
রুম ঝুম বাদল আজি বরষে
আকুল নিশি নাচে ঘন দরশে ।।
বারির দরশনে আজি ক্ষণে ক্ষণে
নব নীরদ শ্যাম রূপে পড়ে মনে
না জানি কোন দেশে কোন প্রিয়া সনে
রয়েছে ভুলিকা নটবর সে ।।
भावार्थ: आज झूम झूम कर बादल बरस रहे हैं। घने बादलों को देख व्याकुल मोर नाच रहा है, आज क्षण क्षण पानी का दर्शन हो रहा है नए बादलों को देख श्याम की याद आ रही है जाने कौन से देश में, कौनसी प्रिया के साथ होंगे । यही सोच सोच के नया हर्ष भुलाकर रोने लगती हूं।
3 टिप्पणियाँ/Coments:
वाह वाह सागर भाई, क्या गीत याद दिलाया! इसे तो मैं भूल ही गयी थी। लता जी वाला "श्राबोनो गगने घोर घन घटा" अक्सर याद आ जाता है।
दो बार सुना,,, आनंद आ गया,, अप्रतिम माधुर्य लिए बहुत सुंदर गायकी
ना जानि कोन देशे, कोन प्रिया शोने।
रोयेछे भुलिया नोवो हर्षे।
बांग्ला तो नहीं आती। गीत मधुर है।
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