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Thursday, 23 April 2009

फागुन के दिन चार रे: आशाताई की आवाज और राग होरी सिन्धूरा

आशाताई ने अपनी गायिकी में जो जो प्रयोग किये उनमें से कई हमने देखे- सुने हैं। संजय भाई पटेल जी ने हमें आशाजी की आवाज में मियां की मल्हार में एक तराना सुनाया था जिसे आज भी मैं कई बार सुनता रहता हूँ। आज मैं आशाजी के एक नये प्रयोग के बारे में बता रहा हूँ।
मीराबाई के प्रभाव से हिन्दी फिल्म जगत की कोई गायिका अछूती नहीं रह सकी। भारत रत्‍न एम. एस सुब्बुलक्ष्मी, लताजी, वाणी जयराम के अलावा कई गायिकाओं ने मीराबाई को गाया, तो भला आशाताई कैसे अछूती रहती!

मीराबाई की सहज समाधि पर आधारित इस रचना को सुनिये| आपको यूं महसूस होने लगेगा मानो आपके सामने आशाजी नहीं खुद मीराबाई अपने हाथों में इकतारा लेकर बजाती हुई झूम रही हो।




Download Link


फागुन के दिन चार होली खेल मना रे॥
बिन करताल पखावज बाजै अणहदकी झणकार रे।
बिन सुर राग छतीसूं गावै रोम रोम रणकार रे॥
सील संतोखकी केसर घोली प्रेम प्रीत पिचकार रे।
उड़त गुलाल लाल भयो अंबर, बरसत रंग अपार रे॥ ( ये पद प्रस्तुत गीत/भजन में नहीं है।)
घटके सब पट खोल दिये हैं लोकलाज सब डार रे।
मीराके प्रभु गिरधर नागर चरणकंवल बलिहार रे॥

चलते चलते.. यही गीत आशाताई की ही आवाज में एक और दूसरे राग में- दूसरे रंग में सुनिये, साथ ही मीराबाई के अन्य भजन आशाताई कि आवाज में यहां सुनिये

श्रीमती मीना बातिश की आवाज में यहां सुनिये

11 टिप्पणियाँ/Coments:

Harshad Jangla said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

Sagarbhai
Very nice song.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA

दिलीप कवठेकर said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

हम सभी आपके शुक्रगुज़ार हैं कि आपने ये गीत सुनवाया. धन्यवाद.

आशाजी नें वाकई कमाल कर दिया है इस गीत में . वैराग्य का अंडर टोन मेहसूस हो रहा है.

Neeraj Rohilla said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागरजी,
इस गीत को प्रस्तुत करने के लिये बहुत धन्यवाद

हिंदी ब्लॉगर/Hindi Blogger said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

वाह-वाह!
प्रस्तुति के लिए धन्यवाद.

L.Goswami said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सुन्दर !!

Manish Kumar said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

anandam anandam lutf aa gaya...

हरि जोशी said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

मंत्रमुग्‍ध कर दिया आशा ताई की आवाज ने। आनंद आया। आपका आभार।

परमजीत सिहँ बाली said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत सुन्दर!आभार।

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

Sagar Bhai sa' ,

Mera BLOG bhee jaroor dekhiyega .
Aaj aapka bheja hue Geet "Naach re Mayura "
ka link , lagaya hai :)

Aapne Asha jee ke Geet behad khoobsurat lagaye hain. Bahut anand aaya !

Dhanywaad ~~

Sa ~ sneh,

- Lavanya ( I'm commenting from Deepak ji's PC )

खुशबू- रेडियो ई.बी.सी said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागर भाई,
धन्यवाद |
आपनें आशा जी का सरस गीत अपने ब्लॉग में लगाया है |
संयोग से होली के अवसर पर मैंने यहाँ फागुन शीर्षक पर गीत सुनवाए थे उनमें यह पहला गीत था |
शायद यह मेरे प्रिय संगीतकार जयदेव जी का संगीतबद्धः है जिनकी अन्य सुन्दर धुनों पर आशा जी की गाई मीरा बाई की रचनाएं सम्मिलित हैं |
सादर
खुशबू Khushboo खुशबू Khushboo खुशबू Khushboo खुशबू
सलिल कण हूँ, या पारावार हूँ मैं/स्वयं छाया, स्वयं आधार हूँ मैं/बँधा हूँ, स्वप्न हूँ, लघु वृत हूँ मैं/नहीं तो व्योम का विस्तार हूँ मैं

Dr Prabhat Tandon said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

यादगार गीत !! आभार !!

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