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Wednesday, 25 March 2009

दीनन दुख: हरन देव: सूरदास का एक भजन दो दिव्य स्वरों में

रहस्यवादी कवि सूरदास का साहित्य जगत में बहुत ऊंचा स्थान है। बचपन से हम सूरदास के बारे में पढ़ते आये हैं सो उनके बारे में हम सब जानते ही हैं, सो सीधे सीधे उनके एक भजन दीनन दुख: हरन देव सुनते हैं। यह सुंदर भजन जगजीत सिंह और पी. उन्नी कृष्णन ने गाया है।
पहले जगजीत सिंह की आवाज में सुनते हैं।




Jagjit Singh - Dee...


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मैं बरसों से जगजीत सिंह के स्वर में यह भजन सुनता आ रहा था पर आज इस्निप पर खोजने पर पी उन्नीकृष्णन की आवाज में भी यह गीत मिला। कर्नाटक शैली के गायक पी. उन्नीकृष्णन की आवाज में इस भजन को सुन कर एक अलग अनूभूति हुई। आप भी इसे सुनिये और दो अलग अलग शैलियों में इस भजन का आनन्द उठाईये।
DheenanuDhukku.mp3


दीनन दुख:हरन देव सन्तन हितकारी।
अजामील गीध व्याध, इनमें कहो कौन साध।
पंछी को पद पढ़ात, गणिका-सी तारी ।।१।।
ध्रुव के सिर छत्र देत, प्रहलाद को उबार लेत।
भक्त हेत बांध्यो सेत, लंक-पुरी जारी ।।२।।
तंदुल देत रीझ जात, साग-पातसों अधात।
गिनत नहीं जूठे फल, खाटे मीठे खारी ।।३।।
( यह पद प्रस्तुत रचना में नहीं है)
गज को जब ग्राह ग्रस्यो, दु:शासन चीर खस्यो।
सभा बीच कृष्ण कृष्ण द्रौपदी पुकारी ।।४।।
इतने हरि आये गये, बसनन आरूढ़ भये।
सूरदास द्वारे ठाड़ौ आंधरों भिखारी ।।५।।
दीनन दुख: हरन देत, संतन हितकारी..

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9 टिप्पणियाँ/Coments:

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बोहनी तो बेनामी जी ने करवा दी है, हम तो भजन सुनने आये थे… कभी सुना नहीं था… अच्छा लगा…

L.Goswami said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बढ़िया ..यह ब्लॉग हिंदी ब्लॉग जगत के लिए धरोहर की तरह है

राज भाटिय़ा said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत सुंदर लगा आज आप का यह भजन.
धन्यवाद

Neeraj Rohilla said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागर भाईजी,
पिछले काफ़ी समय से महफ़िल पर फ़ुरसत से आना नहीं हो पा रहा था। आज घंटो बिताये हैं और आपकी मेहनत पर जान लुटाने को मन कर रहा है।

Dr Prabhat Tandon said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत दिनो बाद सुनने को मिला , जगजीत सिंह जी की मंत्रमुग्ध आवाज के क्या कहने !!

Dr Prabhat Tandon said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

पी. उन्नीकृष्णन की आवाज में इस भजन को एक अलग अन्दाज मे पहली बार सुना । भारतीय संगीत की यही विशेषतायें मन को छू लेती हैं ।

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

यह मेरा प्रिय भजन है। बालचंद्र भट्ट जी मेरे उपर कृपा करके यह भजन गाकर मुझे अनुग्रहित कर देते हैं

shilpa sharma said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

bahut acha bataya apne yeh bhi dekhe surdas ke dohe with meaning in hindi

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

यह भजन बचपन में पड़ोसिन आंटी से सुना व सीखा था।
यहाँ पूरा पद पाकर बड़ी खुशी हुई।

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