संभव है कि होम पेज खोलने पर इस ब्लॉग में किसी किसी पोस्ट में आपको प्लेयर नहीं दिखे, आप पोस्ट के शीर्षक पर क्लिक करें, अब आपको प्लेयर भी दिखने लगेगा, धन्यवाद।

Tuesday 24 February, 2009

तारीफ उस खु़दा की जिसने ज़हाँ बनाया: जगजीत सिंह

जगजीत- चित्रा की जोड़ी ने भी क्या खूब गज़लें गाई है, ज्यादातर तो आपने सुनी होगी पर कुछ ऐसी भी है जो आजकल कहीं सुनाई नहीं देती।जैसे कि यह..



तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहां बनाया,
कैसी ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया,
मिट्टी से बेलबूटे क्या ख़ुशनुमा उग आये,
पहना के सब्ज़ ख़िल्लत, उनको जवां बनाया,
सूरज से हमने पाई गर्मी भी रोशनी भी,
क्या खूब चश्मा तूने, ए महरबां बनाया,
हर चीज़ से है उसकी कारीगरी टपकती,
ये कारख़ाना तूने कब रायबां बनाया,


Download Link

एक और कम सुनाई दे रही गज़ल बड़े दिनों से खोज रहे हैं, मिल गई तो बहुत जल्दी आपको उसे भी सुनायेंगे।

8 टिप्पणियाँ/Coments:

संगीता पुरी said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत सुंदर लगा ....

रंजू भाटिया said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत बहुत शुक्रिया यह बहुत बहुत दिनों बाद सुना है

गरिमा said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

so Sweet Big B, मजा आ गया :)

राज भाटिय़ा said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

अजी बहुत सुंदर गीत सुनाने का ध्न्यवाद

दिलीप कवठेकर said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

तारीफ़ उस खुदा की जिसने ये जहां बनाया, और हमें बक्षीं सुरों की समझ, ताकि हम ऐसे गज़लों और कलाकारों को सुनकर दिली सुकून हासिल करें.

तारीफ़ आप की भी सागरजी, जिसने ये कम सुनी हुई रचना सुनाई.

Neeraj Rohilla said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागर भाईजी,
आप कौन सी गजल खोज रहे हैं, अगर हमारे पास मिली तो अवश्य आप तक भेजेंगे।

Dr Prabhat Tandon said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत सुन्दर !!

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहां बनाया,
कैसी ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया,
मिट्टी से बेलबूटे क्या ख़ुशनुमा उग आये,
पहना के सब्ज़ ख़िल्लत, उनको जवां बनाया,
सूरज से हमने पाई गर्मी भी रोशनी भी,
क्या खूब चश्मा तूने, ए महरबां बनाया,
हर चीज़ से है उसकी कारीगरी टपकती,
ये कारख़ाना तूने कब रायबां बनाया,

Post a Comment

आपकी टिप्प्णीयां हमारा हौसला अफजाई करती है अत: आपसे अनुरोध करते हैं कि यहाँ टिप्प्णीयाँ लिखकर हमें प्रोत्साहित करें।

Blog Widget by LinkWithin

गीतों की महफिल ©Template Blogger Green by Dicas Blogger.

TOPO