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Sunday, 28 October 2007

पाकिस्तान के महान गायक सलीम रज़ा का एक मधुर गाना

बहुत दिनों से महफिल सजी नहीं थी तो  आज  मन हुआ कुछ अच्छा सा गाना नेट से ढूंढ कर लगाया जाये और  कई घंटो की मेहनत के बाद एक ऐसा जबरदस्त गाना मिला, जिसे मैने लगातार कम से कम 20 बार सुना। गाने को सुनने पर लगता है कि इस गाने को तलत महमूद ने गाया  है। यह गाना पाकिस्तान के गायक सलीम रज़ा ( Saleem Raza) ने फिल्म सीमा Seema  (1963)के लिये गाया है। मुझे उम्मीद है आपको भी यह बहुत पसन्द आयेगा। 

सलीम रज़ा के कुछ गानों का लिंक मैने नीचे दिया है उन्हें सुनने  और देखने पर आपको यही महसूस होगा कि ये सारे गाने तलत महमूद ने ही गाये हैं।

भूल जाओगे तुम करके वादा सनम
तुम्हे दिल दिया तो ये जाना
भूल जाओगे तुम करके वादा ...
तुम्हे... भूल...

दर्द का है समां गम की तन्हाई है
जिस तरफ देखिये बेकसी छाई है-२
आज  हर साँस पर होके बेताब दिल
धड़कने लगा तो ये जाना
भूल जाओगे तुम

कैसे गुजरेगी शाम कैसे होगी सहर
अब ना वो मंजिले और ना वो हमसफर-२
देखते देखते रह गुजर ए गुजर
अंधेरा हुआ तो ये जाना
भूल जाओगे तुम

चांद को देखकर हो रहा हो है गुमां
फूल के रुख  पे छाई  हो जैसे खजां 
मुस्कुराता हुआ मेरी

उम्मीद का चमन लुट गया तो

ये जाना भूल जाओगे तुम

करके वादा सनम

इस गाने को सुनने के बाद मैने गूगल पर सलीम रज़ा के बारे में जानकारी  ढूंढी तो कुछ नहीं मिला, बहुत देर सर खपाने के बाद मुझे मेरी गलती पता चली मैं रज़ा  की स्पैलिंग Raja  लिख रहा था। बाद में Raza  लिख कर सर्च किया तो बहुत सारा खजाना मिल गया। उस खजाने के कुछ अनमोल नग्में आपके लिये पेश किये हैं। भूल जाओगे तुम ..... के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली पर बहुत सारे वीडियो मिले। उनमें से एक वीडीयो यहाँ प्रस्तुत हैं। यह  गज़ल फिल्म पायल की  झंकार   से है और इसका संगीत दिया है रशीद अत्तरे ने।

 

 

सलीम रज़ा के और बहुत सारे गाने (वीडियो) देखने के लिये आप यहाँ क्लिक करें

सलीम रज़ा के बारे में  ज्यादा जानकारी के लिये यहाँ और यहाँ तथा उनके गाये हुए सारे गानों  के बारे में जानने के लिये यहाँ क्लिक करें।

 इस गज़ल को हरिहरन ने अपने एल्बम सूकून में भी गाई है चलते चलते उसे भी सुन लीजिये यहाँ

     

 

चिट्ठाजगत Tag: गाने. संगीत

7 टिप्पणियाँ/Coments:

ghughutibasuti said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

गाना बहुत अच्छा लगा । सुनवाने के लिए धन्यवाद ।
घुघूती बासूती

sanjay patel said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागर भाई
गीत सुंदर बन पड़ा है लेकिन तलत साहब वाली बात नहीं...कानों के पास महकता वह मोगरे का फ़ूल करामाती था.पूरे एशिया महाद्वीप में तलत साहब जैसी थरथराहट अब कहाँ...दर्द के वे उजले कलेवर अब मध्दम पड़ गए सागर भाई...

Udan Tashtari said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत दिन बाद ही सही-मगर सजी शानदार महफिल. बधाई.

Manish Kumar said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सलीम साहब का ये गीत सुनाने का शुक्रिया !

Anita kumar said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागर भाई
बहुत खूबसूरत गीत है, इतनी मशक्क्त करने के लिए धन्यवाद

Dr Prabhat Tandon said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

उन्दा गाना और उन्दा चुनाव भी आपका !

दिनेशराय द्विवेदी said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

इस सुंदर मधुर गीत के लिए आभार।

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