यह लीजिये खजाने की चाबियों का गुच्छा!
आज की पोस्ट में कोई गाना नहीं सुनायेंगे पर आपको गाने के खजाने की चाबी नहीं बल्कि चाबियों का गुच्छा ही थमा देंगे। लूट लें जितना लूटने की हिम्मत आपमें है।
अन्तर्जाल पर गाने सुनाने वाले बहुत से जालस्थल हैं, पर वे सिर्फ फिल्मवाइज गाने ही सुनाते हैं या फिर गाने डाउनलोड करने की सुविधा देते हैं पर मैं आज आपसे एक ऐसे जालस्थल की बात करने जा रहा हूँ जो वास्तव में एक ओनलाईन रेडियो है.. नहीं था कहना चाहिये क्यों कि बदकिस्मती से अब यह बन्द हो चुका है।
इस जालस्थल का नाम है बोलीवुडओनडिमाण्ड.कॉम। यह साइट किन्हीं आभेश वर्मा की परिकल्पना थी। इस साइट पर हर तरह के संगीत के चाहकों के लिए कुछ ना कुछ था। मसलन अगर आप पॉप के दीवाने हैं तो आपके लिए Pop Up The Volume नामक कार्यक्रम था और इसके आर जे थे Shailabh। अगर आप गज़लों के शौकीन हैं तो आपके लिए प्रस्तुत है महफिल ए गज़ल! ये कार्यक्रम दैनिक होते थे, यानि जो कार्यक्रम सोमवार को आता है वह मंगलवार को नहीं; मंगलवार को कोई दूसरा कार्यक्रम आएगा! लेकिन आप एक हफ्ते के कार्यक्रम सुन सकते थे।
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7 टिप्पणियाँ/Coments:
बढिया था।
yeh blog to 2008 ko akhiri updated hai!
इतने दिन कहाँ थे? संगीत की दीवानी हूँ मैं,आप ही बताइए कितना महत्त्वपूर्ण है मेरे लिए? मैं बहुत खुश हूँ,सच . क्या कहूँ?
अरे वाह आप ने तो सच मै खजाने का राज ही खोल दिया. धन्यवाद
सागर जी, एक बार पहले ई-स्निप्स वाली आपकी पोस्ट ने मज़ा ला दिया था, अब ये खज़ाना सामने देखकर मन तो बहुत ललचा रहा है, पर initializing process ही पूरा नहीं हो पा रहा है। शायद अपना कनेक्शन ही स्लो है, लिंक्स कापी कर लिये हैं, फ़ुर्सत में सुनेंगे। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
क्या बढिया खजाना खोज कर लाये है आप.
शुक्रिया.
खजाना खाली तो नहीं चैक करना पड़ेगा क्योंकि चावियों का गुछा तो एसे ही थमाया नहीं जा सकता बलागरों के हाथ
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