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Monday, 28 December 2009

उगवला चंद्र पुनवेचा: मराठी नाट्य संगीत का एक दुर्लभ गीत

बहुत दिनों के बाद ही सही पर जो कुछ आप सुनेंगे, आनंदित हुए बिना नहीं रह पायेंगे। यह एक मराठी नाट्य संगीत का गीत है। इसे गाया है बकुल पण्डित ने। और १९४६ में प्रदर्शित हुए नाटक पाणिग्रहम में गाया जाता था। आप भाषा भले ही ना समझ पायें लेकिन आपको इस गीत को सुनने के बाद एक अलग तरह का सुकून मिलेगा।

गीत: उगवला चंद्र पुनवेचा
संगीत: श्रीनिवास काले
नाटक: पाणिग्रहम
गायिका: बकुल पण्डित



उगवला चंद्र पुनवेचा
मम हृदयीदरिया
उसळला प्रीतिचा

दाहि दिशा कशा खुळल्या
वनविनी कुमुदनि फुळल्या
नववधु अधिर मनी जाहळ्या
प्रणयरस हा चहुकड़े
वितळला स्वर्गिचा

डाउनलोड कड़ी


अक और सुन्दर मराठी गीत सुनने के लिए तैयार रहिए। वह आज की पोस्ट के गीत से भी ज्यादा मधुर होगा।
:)

8 टिप्पणियाँ/Coments:

राज भाटिय़ा said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत सुंदर ओर मधुर आवाज,ऎसे भजन रुपी गीत हम बचपने मै रेडियो पर सुबह सुबह सुनते थे. धन्यवाद

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

आपके समस्त परिवार को , नव - वर्ष की मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं
आप सदा मधुर गीत चुन चुन कर सुनवाते हैं आभार ..
स्नेह सहीत,
- लावण्या

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागर भाई, ऐसे गीत सुनवाकर आप लूट लेते हैं… :)

Anonymous said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

indu puri goswamiji ki tippani...
मराठी गीत था
शब्द समझ में नही आये किन्तु गीत की मधुरता को महसूस कर रही थी
उसकी कर्णप्रियता ने भाषा के बन्धनों से परे एक सुखद अनुभूति दी
संगीत किसी भाषा का मोहताज नही
शायद इसीलिए इसे ईश्वर के समकक्ष माना गया है
एक खूबसूरत गीत सुनने का अवसर दिया ,रिअली थेंक्स
आपके ब्लॉग पर मेसेज नही हो पा रहा है .क्यों? नही मालूम .

VINTAGE ERA said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

Sagar bhai,
Jai Ram ji ki !! Abhi abhi aapka post padha aur bahut achha laga. Marathi geet toh apun ko samajh nahi aaya , lekin sunkar bahut achha laga.
Main bahut dino se online nahi aa paaya lekin aaj mere Gmail inbox mein aapka article dekhkar bahut khush hua.
Aapko Aur Aapke Parivaar Ke Sabhi Sadasyon Ko Naye Varsh 2010 Ki Haardik Shubh Kaamnaaye !!

- P A V A N

Anonymous said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

really nice bhajan...dont understand the language but can feel the music.

I am looking for one song for ages by mukesh ji.
'Do roz mein wo pyar ka aalam guzar gaya, barbaad karne aaya tha barbaad kar gaya....'i would be greatful if you could post that please. I am sure other people would like it too. thanks
himani kochar
A very happy new year to you

सागर नाहर said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

धन्यवाद अनाम मित्र
आपका पसंदीदा गीत मेरे संग्रह में है, परन्तु आपका मेल पता मेरे पास नहीं है। सो आप अगर यह टिप्पणी पढ़ रहे हों तो आपका मेल पता अगली टिप्प्णी में लिख दें; ताकि मुकेश जी वाला गीत आपको भेज दूं।
बाद में मैं उस टिप्प्णी को मिटा दूंगा।

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

एक नवं कोडं, ओळखा ही नाट्यगीतं...

🎼 🎼🎧🎼 🎼 🎼
1. My sweetheart see , night is passing by , see sunrise
2. Oh braveheart , I salute you
3. Take hobby , honey , lovely this bee
4. Olden songs of these house , soft & sensitive tunes , let all them go out far away..
5. How can I leave these feet , these beloved feet
6. Tell to whom i should surrender , who will defeat calamities on me
7. So great Sun of freedom
8. This world is full of crazy people
🎻🎻🎻🎻

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