मियां की मल्हार और एक अजीब कहानी : बादल उमड़ बढ़ आये
कुछ दिनों पहले मास्साब पंकज सुबीर जी के चिट्ठे पर, महान गायक पं कुमार गन्धर्व के सुपुत्र पं मुकुल शिवपुत्र के बारे में पढ़ा था कि कुमार गंधर्व के सुपुत्र मुकुल शिवपुत्र शराब के लिए भोपाल की सड़कों पर दो- दो रुपयों के लिए भीख मांग रहे हैं। यह समाचार पढ़ कर मन बहुत आहत हो गया। एक महान कलाकार के सुपुत्र पण्डित मुकुल शिवपुत्र जो स्वयं खयाल गायकी में बहुत जाने माने गायक हों, कि यह हालत!
खैर, अब पता नहीं मुकुल जी कहां है किस हालत में है?
मेरे संग्रह में एक मियां की मल्हार/ मल्हार राग पर कुछ गीत हैं जिन्हें मैने वर्षा ऋतु के आगमन पर एक पोस्ट लिखा कर सुनवाने की सोच रखी थी; में से एक गीत सुनते हुए मुझे लगा कि यूट्यूब पर इसका वीडियो देखना चाहिए... जब वीडियो देखा तो दंग रह गया, मानो फिल्म की निर्देशिका सई परांजपे जी ने मुकुल जी की कहानी को लेकर यह गीत फिल्माया हो, यह अलग बात है कि यह फिल्म 1998 में ही बन चुकी थी। तो क्या मुकुलजी.......?
वर्षा ऋतु के आगमन तक मुझसे इंतजार नहीं होगा मैं आपको इस खूबसूरत गीत को सुनवा रहा हूँ। आप इस गीत को सुनिये और देखिये... मियां की मल्हार।
साज़ फिल्म में संगीत राजकमल और भूपेन हजारिका दोनों का है। इस गाने का संगीतकार कौन है पता नहीं चला। अगर आप जानते हैं तो टिप्प्णी में जरूर बतायें।
सुरेश वाडेकर जी की आवाज में गीत
बादल घुमड़ बढ़ आये-२
काली घटा घनघोर गगन में-२
अंधियारा चहुं ओर
घन बरसत उत्पात प्रलय का
प्यासा क्यूं मन मोर-२
बादल घुमड़ बढ़ आये-२
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यही गीत फिल्म में बाद में वृंदावन (रघुवीर यादव) की बिटिया बंसी (शबाना आज़मी) भी एक समारोह गाती है। इस गीत में दो पैरा भी जोड़े गये हैं, आईये इस का भी आनन्द लीजिये। फिल्म में इसे सुप्रसिद्ध गायिका देवकी पण्डित ने अपनी आवाज दी है।
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बादल बरस अब मौन भए-२
बादल
रवि उज्जवल प्रज्वलित गगन में
प्रज्वलित गगन में-
गगन में-गगन में-गगन में -गगन में
रवि उज्जवल प्रज्वलित गगन में
कनकालंकृत मोर
जय मंगल जय घोष गगन का
जय घोष गगन का
आऽऽऽऽऽऽऽऽ
शुभ उत्सव चहूं ओर-२
बादल बरस अब मौन भए..
और अब देखिये दोनों वीडियो