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Wednesday, 30 December 2009

क्षमा याचना

कल जल्दबाजी में बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई। रूना लैला के गीत पर पोस्ट लिखना चाह रहा था, मैटर लिख दिया और कॉफे में कुछ ग्राहक आ गये तो उन्हें निबटाने के बाद जब वापस काम शुरु किया तो यह याद ही नहीं रहा कि गीत कौनसा पोस्ट करना है।
गाना सुना... वह मिर्जा गालिब का था। और उस पर मैटर को लिख कर पहले मैटर के साथ जोड़ कर पोस्ट कर दिया।
मैं क्षमा चाहता हूँ , महफिल के चाहकों से क्यों कि मिर्ज़ा गालिब की वह गज़ल सुमन कल्याणपुर की आवाज में थी ना कि रूना लैला की!
सुमन कल्याणपुर के स्वर में गाई इस गज़ल के संगीतकार का फिलहाल पता नहीं चला है।

मैं आप सब से पुन: क्षमा याचना करता हूँ।

4 टिप्पणियाँ/Coments:

विनोद कुमार पांडेय said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

कभी कभी ऐसा भी हो जाता है.....कोई बात नही ....नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...

Udan Tashtari said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

हो जाता है ऐसा भी:


मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.


नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.

अमिताभ मीत said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

कोई बात नहीं भाई !

अच्छी ग़ज़ल सुनने की मिली. शुक्रिया.

नव वर्ष की शुभकामनाएं.

मीत

दिलीप कवठेकर said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

शुक्रिया, कोई बडी बात नहीं.

नव वर्ष की शुभ कामनायें..

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