101वीं पोस्ट और रूना लैला की मधुर आवाज... बोले रे पपीहरा
ना; यह गुड्डी फिल्म वाला बोले रे पपीहरा नहीं है! यकीनन आपने यह गीत नहीं सुना होगा।
पिछली पोस्ट में गड़बड़ हुई थी ना, सुमन कल्याणपुर जी के गीत को रूना लैला का बता दिया और मैटर सुमनजी की गज़ल का लिख दिया था। बहुत बड़ा घोटाला हो गया था उस दिन।
उसे सुधारने का आज नये साल के दिन एकदम सही समय लग रहा है और उपर से १०१वीं पोस्ट। मेरे लिये जितनी खुशी की बात १०१वीं पोस्ट लिखना है उससे कई गुना ज्यादा उत्साहित मैं इस गाने को पोस्ट करने से हो रहा हूँ।
यह गीत राग तैलंग में उस्ताद गुलाम कादिर खान ने संगीतबद्ध किया है और अपनी खूबसूरत आवाज दी है रूना लैला ने। गुलाम कादिर खान साहब वही है जिनसे शहंशाह -ए-मौसिकी मेहदी हसन भी बहुत प्रभावित थे; होते भी क्यूं ना, खान साहब आपके बड़े भाई जो थे। (यह बात मैं पिछली पोस्ट में लिखने से चूक गया था) आपके कैरियर निर्माण में गुलाम कादिर की अहम भूमिका थी। गुलाम कादिर खान साहब ने मेहदी हसन की कई गज़लों की धुनें भी बनाईं।
हसन साहब की गाई हुई प्रसिद्ध गज़ल "गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चले" का संगीत गुलाम कादिर खान साहब ने ही दिया था। यह लाहौर में 1959 में रिकार्ड की गई थी और बेहद हिट रही…।
खैर वापस आते हैं आज की गीत पर... यह गीत बोले रे पपीहरा; रूना लैला के मधुर स्वरों में है, आप सुनिये और आनन्द उठाईये।
बोले रे पपीहरा-बोले रे पपीहरा
पीहू-पीहू, पीहू, पीहू, पीहू
बोले रे पपीहरा, बोले रे पपीहरा
पीहू-पीहू, पीहू, पीहू, पीहू
बोले रे पपीहरा-२
आज भी ना आये, आवन कह गये
आज भी ना आये, आवन कह गये
जियरा तरसे, बदरा गरजे,
अँखियों से प्यार बरसे
जियरा तड़पे रे...
पीहू-पीहू, पीहू, पीहू, पीहू
बोले रे पपीहरा-२
रूत सावन की सखी सब झूऽऽलें
देखूं मैंऽऽऽ सपना, आयेऽऽ ना सजना
शुगन बिचारऽऽ
जियरा तड़पे रे
पीहू-पीहू, पीहू, पीहू, पीहू
बोले रे पपीहरा-२
12 टिप्पणियाँ/Coments:
सुन्दर, अति सुन्दर… रूना लैला हिन्दी फ़िल्मों में अधिक न गा सकीं, जिसके लिये फ़िल्म उद्योग की राजनीति जिम्मेदार है…। येसुदास के साथ भी यही राजनीति खेली गई थी…
bahut badhiya. aanaddayak. aabhar
waah... apratim sundar geet... atyant roohani aawaz... behatareen composition.... sahi maayane me paramaanand chhaa gaya...
dhanyavaad sagarji...
इस पड़ाव पर हार्दिक बधाई कबूल करें । सप्रेम
बधाई :-)
बधाई!
बधाई सागर भाई शतक पूरा करने के लिये। आपकी महफिल बहुत पहले एकाध बार देखी तो थी, पर पढ़ न पाया। अब गीत सुनने आते रहेंगे।
एक बात बताइये, फरमाइशी प्रोग्राम भी चलता है क्या यहाँ? अगर हाँ तो हम कुछ गीत बतायें, उनकी कहानी सुनाइएगा।
बहुत खूब! ! ! ! ! बोलती बन्द है-----क्या कहूँ..........बधाई
नये साल की शुभ्कामनाएँ......
बड़े भईया शतक ठोक लिया... जल्द ही दुहरा शतक लगाईये और इस महफिल जमाये रखिये
great, congratulation
बहुत बहुत बधाई शतक पूरा होने की...अनेक शुभकामनाएँ.
शतक की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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