संभव है कि होम पेज खोलने पर इस ब्लॉग में किसी किसी पोस्ट में आपको प्लेयर नहीं दिखे, आप पोस्ट के शीर्षक पर क्लिक करें, अब आपको प्लेयर भी दिखने लगेगा, धन्यवाद।

Monday 28 September, 2009

स्मरशील गोकुल सारे: कुमारी फैयाज की आवाज में एक सुन्दर मराठी गीत

कुछ दिनों पहले मैं रेडियोवाणी की पुरानी पोस्ट्स देख रहा था। एक पोस्ट पर नज़र पड़ी जो हिन्दी फिल्मों की सबसे बढ़िया फिल्म दो आँखें बारह हाथ पर आधारित थी। उस पोस्ट में चालीसगांव वाले विकास शुक्लाजी ने एक बड़ी लेकिन बहुत ही जानकारीपूर्ण टिप्पणी दी थी।
उस टिप्प्णी में आपने कई मराठी गीतों का जिक्र किया था। साथ ही एक और गीत का जिक्र किया था जो अण्णा साहेब सी. रामचन्द्रजी की फिल्म घरकुल का था गीत के बोल थे "कोन्यात झोपली सतार, सरला रंग...पसरली पैंजणे सैल टाकुनी अंग ॥ दुमडला गालिचा तक्के झुकले खाली...तबकात राहिले देठ, लवंगा, साली ॥ साथ ही इस गीत की गायिका फैयाज यानि कुमारी फैयाज के बारे में बताते हुए लिखा था कि वे उपशास्त्रीयगायिका हैं और नाट्यकलाकार भी।
मैने इस गीत को नेट पर खोजना शुरु किया, कुछ मराठी मित्रों की मदद ली, पर गीत नहीं मिला। अचानक कुमारी फैयाज का एक गीत दिखा। उसे सुनते ही मैं उछल पड़ा। गीत मराठी में होने की वजह से ज्यादा समझ में नहीं आया लेकिन जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि गीत-संगीत किसी भाषा के मोहताज नहीं होते, वे सभी सीमाओं
से परे होते हैं, गीत सुनते ही मेरी आंखें बहने लगी।
कुमारी फैय्याज की इतनी दमदार कैसे हिन्दी संगीत प्रेमियों तक छुपी रही? क्या आप जानते हैं फैय्याज जी ने ऋषिकेश मुखर्जी दा की फिल्म आलाप में दो गीत गाये हैं ( शायद और भी गायें हो- जानकारी नहीं है) एक भूपिन्दर सिंह के साथ है और दूसरा अकेले आई ऋतु सावन की गाया है! संभव हुआ तो इस गीत को भी बहुत जल्द सुनाया जायेगा।
छाया गांगुली की आवाज में जिसने भी कोई गीत सुना है उसे एकबारगी लगेगा कि छाया जी ही गा रही हैं।
लीजिये आप गीत सुनिये।

Download Link-1 Download Link-2

स्मरशील गोकुळ सारे
स्मरशील यमुना, स्मरशील राधा
स्मरेल का पण कुरूप गवळण
तुज ही बंशीधरा रे ?

रास रंगता नदीकिनारी
उभी राहिले मी अंधारी
न कळत तुजला तव अधरावर
झाले मी मुरली रे !
स्मरशील गोकुळ सारे

ऐन दुपारी जमीन जळता
तू डोहोवर शिणून येता
कालिंदीच्या जळात मिळुनी
धुतले पाय तुझे रे.
स्मरशील गोकुळ सारे
हिन्दी अनुवाद: दिलीप कवठेकर जी

प्रस्तुत गीत गोकुल की एक ग्वालन द्वारा कान्हा के लिये गाया गया है. ये ग्वालन कुरुप है, असुंदर है, इसलिये मन में एक दीन भाव लिये वह कान्हा से पूछ बैठी कि----

तुझे सारा गोकुल याद ही होगा,
और याद होगी वह यमुना और वह राधा,
मगर हे बंसीधर, क्या तुझे यह कुरूप ग्वालन याद है? 
जब तुम नदी किनारे रास में रंगे थे,
मैं वहीं अंधेरे में खडी हुई थी..
और फ़िर तुम्हारे अनजाने में मैं तुम्हारे अधरों पर
मुरली बन गयी थी...
क्या तुम्हे ये सभी याद होगा?
ऐन दोपहरी में जब ज़मीन तप रही थी,
और तुम जमुमा के तट पर थकान मिटाने आ पहुंचे,
तब कालिंदी के जल में मिल कर 
मैने ही तो तुम्हारे चरण धोये थे...
कया तुम्हे ये सभी याद होगा ?
वह कुरूप ग्वालन याद होगी?

5 टिप्पणियाँ/Coments:

राज भाटिय़ा said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

भजन चाहे मराठी मै हो लेकिन हम झुम उठे, कुछ कुछ समझ मै आया. आप का धन्यवाद

Dr Prabhat Tandon said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बहुत सुन्दर ...

दिलीप कवठेकर said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बेहद ही हृदयस्पर्शी भावगीत है. इसका भावार्थ यूं है:

प्रस्तुत गीत गोकुल की एक ग्वालन द्वारा कान्हा के लिये गाया गया है. ये ग्वालन कुरुप है, असुंदर है, इसलिये मन में एक दीन भाव लिये वह कान्हा से पूछ बैठी कि----

तुझे सारा गोकुल याद ही होगा,
और याद होगी वह यमुना और वह राधा,
मगर हे बंसीधर, क्या तुझे यह कुरूप ग्वालन याद है?

जब तुम नदी किनारे रास में रंगे थे,
मैं वहीं अंधेरे में खडी हुई थी..
और फ़िर तुम्हारे अनजाने में मैं तुम्हारे अधरों पर
मुरली बन गयी थी...
क्या तुम्हे ये सभी याद होगा?


ऐन दोपहरी में जब ज़मीन तप रही थी,
और तुम जमुमा के तट पर थकान मिटाने आ पहुंचे,
तब कालिंदी के जल में मिल कर
मैने ही तो तुम्हारे चरण धोये थे...

कया तुम्हे ये सभी याद होगा ?
वह कुरूप ग्वालन याद होगी?

गीत के इन भावों की अभिव्यक्ति बडे ही सुंदरता से कुमारे फ़ैयाज़ नें अपने गले के सुरों से पेश की है, जो तारीफ़े काबिल है.

Unknown said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सागर भाई,
सुश्री फ़य्याज़ का गाया एक गीत फिल्म जुम्बिश से(संगीतकार जयदेव का संगीत)भी है|मैंने कुछ महीनों पहले सुना- सुनवाया था:यहाँ न्यू जर्सी में|

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

बढिया लगी आप की प्रस्तुति सागर नाहर भाई'ससा
नगीना खोज कर लाये हैं आप
दीपावली में शांति का सन्देश फैले यही कामना है
आपके परिवार के लिए मंगल कामना
सस्नेह,
- लावण्या

Post a Comment

आपकी टिप्प्णीयां हमारा हौसला अफजाई करती है अत: आपसे अनुरोध करते हैं कि यहाँ टिप्प्णीयाँ लिखकर हमें प्रोत्साहित करें।

Blog Widget by LinkWithin

गीतों की महफिल ©Template Blogger Green by Dicas Blogger.

TOPO