परदेसी क्यूं याद आता है.. एक दुर्लभ गीत सितारा बाई की आवाज में
मैने कई बार पहले भी जिक्र किया था कि मेरे पास दो ऑडियो कैसेट्स है जिनका नाम है The Vintage Era, इस संग्रह के कुछ गीत मैं आपको पहले सुना चुका हूं। आज बैठे बैठे एक और गीत याद आया " नगरी कब तक यूं ही बरबाद रहेगी... यह 1944 में बनी फिल्म मन की जीत का है लेकिन ओस चाटने से भला कभी प्यास बुझती है? मैं इस फिल्म के सभी गीतों को सुनना चाहता था, दो गीत तो मेरे संग्रह में पहले से थे। पहला तो उपर बता चुका हूं और दूसरा ए चांद उम्मीदों को मेरी! अन्तर्जाल के अथाह समुद्र में खोजते ही एक और गीत मिल गया, और आज वही गीत मैं आज आपको यहां सुना रहा हूँ।
फिल्म मन की जीत (1944) के संगीतकार वहीजुद्दीन ज़ियाउद्दीन अहमद (W.Z.Ahmed) हैं। गुजरात में जन्मे अहमद साहब बँटवारे के बाद पाकिस्तान में जाकर बस गये, और इनकी पत्नी नीना ने फिल्म मन की जीत के कई गीत गाये पर पता नहीं बाद में क्यों नीना के गाये गीतों की जगह दूसरे कलाकारों ने ले ली। खैर बहुत सी कहानियां हैं.. हम गीत पर आते है, यह गीत सितारा बाई कानपुरी ने गाया है। इसके गीतकार हैं जोश मलीहाबादी।
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एक और प्लेयर ताकि सनद रहे (बकौल यूनुस भाई)
परदेसी क्यूँ याद आता है
परदेसी क्यूँ याद आता है
इक चाँद छमक कर जंगल में
छुप-छुप कर उंडे बदल में
जब सपना सा दिखलाता है
परदेसी क्यूँ याद आता है
परदेसी....
पूरब से पवन जब आती है
जब कोयल कूक सुनाती है
जब बादल घिर के आता है
परदेसी क्यूँ याद आता है
परदेसी....
हिरदे की घनेरी छाओं का
अरमानों का आशाओं का-२
जब घूंघट पट खुल जाता है
परदेसी क्यूँ याद आता है
परदेसी
जब बीते दिन याद आते हैं
बदल की तरह मंडलाते हैं
जब घायल दिल घबराता है
परदेसी क्यूँ याद आता है
परदेसी....
6 टिप्पणियाँ/Coments:
वाह सागरजी, सुबह सुबह यह गाना सुनकर मन प्रफुल्लित हो गया I यह रचना जितनी सुनने में सरल है उतनी ही गायकी में कठिन है I सितारा बाई कानपुरी ने सही मायने में इस गाने को निभाया है I धन्यवाद इस सुन्दर रचना को सुनवाने के लिए ....
एक और दुर्लभ खोज , शुक्रिया सागर भाई !!!
सागर जी आप भी समुंदर से मोती ढुढ कर लाते है, बहुत सुंदर गीत.
धन्यवाद
Hi brother
Old is gold hain allways,
i have all 7 song 1944 man ki jeet
very good u/l ,
dhall
कहानियाँ तो थोडी और सुना देते आप ! उसका अपना ही मजा है.
Indeed a rare song. Heard first time. Many Thanks.
Vinayak
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