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Saturday 5 September, 2009

खाली पीली काहे को अक्खा दिन बैठ के बोम मारता है : स्व. किशोरदा का एक शरारती गीत

किशोर कुमार भी क्या कलाकार थे, कुछ भी अगड़म बगड़म गा दें, मजेदार गीत बन जाता था! देखिये इस गीत में कैसे किशोरदा, देवानद को चिढ़ाते हुए कह रहे हैं "खाली पीली काहे को अक्खा दिन बैठ के बोम मारता है"

7 टिप्पणियाँ/Coments:

Arshia Ali said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

शरारत से भरपूर गीत।
{ Treasurer-S, T }

दिलीप कवठेकर said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

आप भी ना मालूम कहां से मोती चुन कर लाते हैं.

अक्सर इस तरह के गीत सुने नहीं जाते और इस लिये इन्हे सुनकर जीने का मज़ा दुगना हो जाता है.

चण्डीदत्त शुक्ल said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

मुस्करा रहा हूं मैं...ऐसे ही गुदगुदाते रहो भाई...लाख बरस जियो....

Anonymous said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

फिल्म 'तमाशा' का गाना है जिसके एक निर्माता और कलाकार स्व. श्री अशोक कूमार भी थे । हरमंदिर सिंह हमराझ के फिल्मी गीत कोष के अनुसार इस फिल्म के तीन संगीत कार स्व. श्री खेम चंद प्रकाश, मन्ना डे और एस. के पाल में से यह गाना मन्ना दे साहबने स्वरवद्ध किया है । पर मूझे यह स्व. खेम चन्द प्रकाश का संगीत होनेकी सम्भवना ज्यादा लगती है ।
पियुष महेता ।
सुरत

शरद कोकास said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

किशोर दा का जवाब नही

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
मैनें अपने सभी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग "मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी"में पिरो दिया है।
आप का स्वागत है...

पंडित प्रेमशंकर शर्मा said... Best Blogger Tips[Reply to comment]Best Blogger Templates

सदाबहार कलाकार थे किशोर दा.....

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