आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो: एक भूला बिसरा गीत
आपने मिनर्वा मूवीटोन की और 1950 की फिल्म शीशमहल का गीत "हुस्न वालों की गलियों में जाना नहीं-ज़हर खाना मगर दिल लगाना नहीं" जिसे शमशाद बेगम ने गाया है; बहुत बार रेडियो पर सुना होगा, लेकिन इसी फिल्म में एक और गीत है जो इस गीत से कहीं ज्यादा सुरीला है लेकिन (कभी कभार रेडियो शिलॉन को छोड़ कर) पता नहीं क्यों यह गाना कहीं सुनाई नहीं देता ।
इस गीत को पद्मश्री पुष्पा हंस ने गाया है और फिल्म में अभिनय भी किया है।
इस फिल्म की एक और खास बात यह है प्रसिद्ध गीतकार प्रेम धवन और संगीतकार ने इस फिल्म में नृत्य निर्देशन भी किया था।
आईये सुनते हैं इस मधुर गीत को।
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो-2
कोई मुश्किल नहीं ऐसी के जो आसान ना हो-2
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
ये हमेशा से है तक़दीर की गर्दिश का चालन-2
चाँद सूरज को भी लग जाता है एक बार ग्रहण
वक़्त की देख के तब्दीलियां हैरान ना हो- 2
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
ये है दुनियां यहाँ दिन ढलता है शाम आती है- 2
सुबह हर रोज नया ले के पयाम आती है
जानी बुझी हुई बातों से तू अन्ज़ान ना हो
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
कोई मुश्किल नहीं ऐसी के जो आसान ना हो
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
गीतकार : शम्स लखनवी एवं बेज़ाद लखनवी
संगीतकार: वसंत देसाई
फिल्म: शीशमहल 1950
4 टिप्पणियाँ/Coments:
वाह बहुत सुंदर पोस्ट
अच्छी जानकारी
लेकिन यह गीत कहां सुनें समझ नहीं आया
आप ही उपलब्ध कराएं कृपया
����❤����
सुनना चाहते हैं, सुना भी दीजिए सागर सर !
क्या जीजी! आपने एक बार 'मारा वीरा' कह कर बड़ी बहन बन चुकी है। इसलिए सर नहीं भाई ही कहिए।
Html का एरर था अब सुधार दिया है अब गाना सुन और देख सकती हैं आप।
😊💐
हृदय से आभार
अच्छा गीत सुनवाने के लिए कृतज्ञ हूं
🙏❤🙏
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