tag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post8948515014767806319..comments2023-09-18T16:15:37.451+05:30Comments on गीतों की महफिल: पंडित नरेन्द्र शर्मा, अली अकबर खां और लताजी का एक अनोखा गीतसागर नाहरhttp://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-86156825979468116852012-04-08T19:57:50.981+05:302012-04-08T19:57:50.981+05:30क्या बात है भारतीय संगीत की !क्या बात है भारतीय संगीत की !अमरीश गोयल मुज़फ्फरनगरhttps://www.blogger.com/profile/18019524100359318929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-15885827189045243172010-04-18T20:53:10.172+05:302010-04-18T20:53:10.172+05:30आदरणीय सागर जी
आपने बहुत नायाब हीरा दे दिया है हम ...आदरणीय सागर जी<br />आपने बहुत नायाब हीरा दे दिया है हम सब को<br />काफी साल पहले (ALL INDIA RADIO) की उर्दू सर्विस पर<br />"आवाज़ दे कहाँ है" प्रोग्राम में सुना था ये गीत<br />उस के बाद आज ही सुन पाया हूँ <br />बड़ी दुर्लभ जानकारी दी है आपने<br />एक गीत सुनना चाहता हूँ<br />"मेरे नैना सावन भादों...." ( फिल्म महबूबा वाला नहीं )<br />लता जी की आवाज़ में गाया हुआ ये गीत सुने मुद्दत्त हो गयी हैdaanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-74573252645932477142010-02-15T22:31:18.151+05:302010-02-15T22:31:18.151+05:30सागर नाहर भाई;सा
बहु बहुत आभार आपका -- आपने ये दु...सागर नाहर भाई;सा <br />बहु बहुत आभार आपका -- आपने ये दुर्लभ गीत आज आपके संगीतमय ब्लॉग के जरिए <br />अंतरजाल पर सदा के लिए स्थापित कर दिया - - कितनी सुरीली आवाज़ है दीदी की ! <br />और अली अकबर खान साहब एक ऐतिहासिक और संगीत के ज्ञानपीठ सद्रश घराने के <br />वंशज ने संगीत्बध्ध किया और पूज्य पापा जी के शब्द मिलकर ये ३ भागों में रचा गीत <br />' नवकेतन फिल्म निर्माण ' संस्था का सचमुच एक अमूल्य धरोहर रूपी गीत है <br />ये गीत ज्योति जी ने रेडियो सीलों पर भी बजाया था और एक ख़ास श्रध्धान्जली <br />कार्यक्रम पापा जी की पुण्यतिथि पर बनाया<br />[ ऐसा पियूष भाई ने बतलाया ]<br />काश मैं वो प्रोग्राम भी सुन पाती -- <br />खैर --<br /> अभी तो गाना सुनकर इतनी खुशी हुई है <br />के क्या बताऊँ ? <br />फेस बुक पर भी आपका ये लिंक रख दिया है <br /> स स्नेह आभार आपका <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-82222034131242610422010-02-15T21:10:04.757+05:302010-02-15T21:10:04.757+05:30दि. 12 के दिन रेडियो श्री लंका से श्रीमती ज्योति प...दि. 12 के दिन रेडियो श्री लंका से श्रीमती ज्योति परमारजीने (11 के दिन उनका अवकाश था ) पं. नरेन्द्र शर्माजी के श्रद्धांजलि कार्यक्रममें प्रस्तूत किया था । 12 तारेख के रेडियोनामा की वहाँ के भूतपूर्व उद्दघोषक श्री रिपूसूदन कूमार ऐलावादी के लिये शुभ:कामना वाली मेरी पोस्ट में इस बात का जिक्र है ।PIYUSH MEHTA-SURAThttps://www.blogger.com/profile/12760626174047535862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-82058042501549375012010-02-14T23:39:45.118+05:302010-02-14T23:39:45.118+05:30सागर जी इस अनमोल गीत के लिये आप का दिल से धन्यवादसागर जी इस अनमोल गीत के लिये आप का दिल से धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-45206523674605129762010-02-14T23:35:40.172+05:302010-02-14T23:35:40.172+05:30वाकई! मन ये मानने को तैय्यार नहीं हो रहा, कि ये गी...वाकई! मन ये मानने को तैय्यार नहीं हो रहा, कि ये गीत पंडितजी की खालिस कलम से सिरजा है.<br /><br />धन्यवाद,दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-31870610278211146692010-02-14T11:40:39.991+05:302010-02-14T11:40:39.991+05:30बहुत बढ़िया, शुक्रिया!बहुत बढ़िया, शुक्रिया!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-61970040145169542762010-02-14T10:28:30.452+05:302010-02-14T10:28:30.452+05:30बढिया है जी । पंडित जी का ये रंग अदभुत और अनमोल है...बढिया है जी । पंडित जी का ये रंग अदभुत और अनमोल है ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.com