tag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post4158771259369866010..comments2023-09-18T16:15:37.451+05:30Comments on गीतों की महफिल: मियां की मल्हार और एक अजीब कहानी : बादल उमड़ बढ़ आयेसागर नाहरhttp://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-69834430172542638622012-04-08T19:43:15.207+05:302012-04-08T19:43:15.207+05:30भारतीय संगीत की मधुरता याद कराने के लिए धन्यवाद !भारतीय संगीत की मधुरता याद कराने के लिए धन्यवाद !अमरीश गोयल मुज़फ्फरनगरhttps://www.blogger.com/profile/18019524100359318929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-23237121475480458032012-04-08T19:29:21.219+05:302012-04-08T19:29:21.219+05:30बेहद भावुकतापूर्ण गीतों के लिए शुक्रिया !बेहद भावुकतापूर्ण गीतों के लिए शुक्रिया !अमरीश गोयल मुज़फ्फरनगरhttps://www.blogger.com/profile/18019524100359318929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-71081862310594915162010-08-28T11:32:16.035+05:302010-08-28T11:32:16.035+05:30कमाल! कमाल ! आपके ब्लोग पर नही आती तो इन सबसे वंचि...कमाल! कमाल ! आपके ब्लोग पर नही आती तो इन सबसे वंचित रह जाती.दोनों गीत बेमिसाल किन्तु सुरेश वाडेकर जी और राग मियां की मल्हार मे गाये गीत ने भीतर भीगो दिया.<br />बाबु! मुझे नही मालूम पड़ता की कोई गाना शास्त्रीय है तो किस राग पर आधारित है.बस इतना जानती हूं जिन गानों को सुन् तन मन की सुध ना रहे वो ही श्रेष्ठ गाना है मेरी नजर मे और देखती हूं यहाँ तो 'बहुत कुछ'है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-4927796958186991862010-07-06T23:18:28.276+05:302010-07-06T23:18:28.276+05:30सागरजी, इस गीत का संगीत यशवंत देव ने दिया है। फ़िल...सागरजी, इस गीत का संगीत यशवंत देव ने दिया है। फ़िल्म के सभी गीत सुंदर हैं।Atul Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16469390879853303711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-25151080245839946482010-02-26T22:06:12.455+05:302010-02-26T22:06:12.455+05:30आपको " होली की भी ,
बहुत बहुत शुभ कामनाएं &q...आपको " होली की भी ,<br /> बहुत बहुत शुभ कामनाएं " <br />सागर भाइस'सा , <br />मन द्रवित हो गया ये सारी कथा पढ़कर :-( <br />माँ भगवती, देवी सरस्वती के साधक के पुत्र की यह दुर्दशा का कारण मदिरा है ! ? ! <br />सुनकर मन न जाने कैसा हो रहा है .....परंतु " साज़ " फिल्म का ये गीत सुनकर मानों मेघ मल्हार अनेकों फुहारों से <br />चहुँ ओर , फुहार करने लगे ..<br />आप एक सच्चे संगीत रसिक और संगीत की देवी के पुजारी हैं ..<br />माँ आप की पूजा स्वाकारें और एक भटके हुए पुत्र को अपनी दया से पुन: स्वस्थ करें ये मेरी सच्चे मन से की हुई प्रार्थना है <br />स स्नेह,<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-51674197306250750312010-02-24T11:25:40.885+05:302010-02-24T11:25:40.885+05:30बादल बरस अब मौन भये ..मल्लहार के स्वरों की लगावट अ...बादल बरस अब मौन भये ..मल्लहार के स्वरों की लगावट अगर सही हो तो घोर गरमी में भी मन भीग भीग जाता है ....अद्भुत गीत हैं दोनों ...mind blowing ... "साज़" फिल्म भी अपने आप में बहुत अच्छी थी...आभार सागर जी ,बहुतशुक्रियापारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-62055453405819514232010-02-23T21:28:03.607+05:302010-02-23T21:28:03.607+05:30सागर जी, आपने बडे दिनों बाद ये जो सुमधुर स्वरों की...सागर जी, आपने बडे दिनों बाद ये जो सुमधुर स्वरों की वर्षा करायी है, मन आल्हादित हो गया, और मन मयुर नाच उठा.<br /><br />दोनों गानें श्रेष्ठ है.<br /><br />मुकुलजी फ़क्कड हैं, यायावरी उनका स्थाई भाव, एक औलिया की तरह वे मन की तरंगों की मस्ती में रहते हैं, मगर भीख नहीं मांगते. मगर शुक्र है, उन्हे पहचानने वाले उन्हे खाना खिला देतें है. मगर वे एक हवा की तरह स्वतंत्र है.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-50617055479569155282010-02-23T00:06:22.478+05:302010-02-23T00:06:22.478+05:30bhut ache, mere kai doston ne bhi is song ko pasan...bhut ache, mere kai doston ne bhi is song ko pasand kiya.<br />mukul jee ke bare mein pehle bhi padh chuka hoon, aur ye geet kahin na kahin milta hai, unke jeewan se<br /><br />vikaszutshisn.blogspot.comvikashttps://www.blogger.com/profile/03116125151844478089noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1759328551597368568.post-82475143314152761972010-02-22T12:44:05.887+05:302010-02-22T12:44:05.887+05:30सागर जी मुकुल शिवपुत्र जी के लिये मध्यप्रदेश सरका...सागर जी मुकुल शिवपुत्र जी के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने एक अकादमी खोल दी थी लेकिन वे तो ठहरे फक्कड़ वहां से भी भाग निकले । वे बंध कर रहना नहीं चाहते थे । गीत सुने बहुत सुंदर गीत हैं पहले नहीं सुने थे ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.com